भारत का संविधान
S.
no.
|
अनुच्छेद
|
विवरण
|
भाग 7 : पहली अनुसूची के भाग ख के राज्य
|
||
भाग 8 :
संघ राज्य क्षेत्र ( 239-242 )
|
||
257.
|
239
|
संघ राज्यक्षेत्रों का प्रशासन
|
258.
|
239क
|
कुछ संघ राज्य क्षेत्रों के लिए स्थानीय
विधान मंडलों या मंत्रि-परिषदों का या दोनों का सृजन
|
259.
|
239कक
|
दिल्ली के सम्बन्ध
में विशेष उपबंध
|
260.
|
239कख
|
संविधानिक तंत्र के विफल हो जाने की
दशा में उपबंध
|
261.
|
240
|
कुछ संघ राज्य क्षेत्रों के लिए
विनियम बनाने की राष्ट्रपति की शक्ति
|
262.
|
241
|
संघ राज्य क्षेत्रों के लिए उच्च
न्यायालय
|
263.
|
242
|
[निरसन]
|
भाग 9 :
पंचायत ( 243-243ण )
|
||
264.
|
243
|
परिभाषाएं
|
265.
|
243क
|
ग्राम
सभा
|
266.
|
243ख
|
पंचायतों
का गठन
|
267.
|
243ग
|
पंचायतों की संरचना
|
268.
|
243घ
|
स्थानों
का आरक्षण
|
269.
|
243ड
|
पंचायतों की अवधि, आदि
|
270.
|
243च
|
सदस्यता
के लिए निरर्हताएं
|
271.
|
243छ
|
पंचायतों
की शक्तियां, प्राधिकार और
उत्तरदायित्व
|
272.
|
243ज
|
पंचायतों द्वारा कर अधिरोपित करने की शक्तियां और
उनकी निधियां
|
273.
|
243झ
|
वित्तीय स्थिति के पुनर्विलोकन के लिए वित्त आयोग का
गठन
|
274.
|
243ञ
|
पंचायतों के लेखाओं की संपरीक्षा
|
275.
|
243ट
|
पंचायतों के लिए निर्वाचन
|
276.
|
243ठ
|
संघ
राज्य क्षेत्रों को लागू होना
|
277.
|
243ड
|
इस
भाग का कतिपय क्षेत्रों को लागू न होना
|
278.
|
243ढ
|
विद्यमान विधियों और पंचायतों का बना रहना
|
279.
|
243ण
|
निर्वाचन
संबंधी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्जन
|
भाग 9 क: नगरपालिकाएं ( 243त-243यछ)
|
||
280.
|
243त
|
परिभाषाएं
|
281.
|
243थ
|
नगरपालिकाओं का गठन
|
282.
|
243द
|
नगरपालिकाओं की संरचना
|
283.
|
243ध
|
वार्ड समितियों, आदि का गठन और संरचना
|
284.
|
243न
|
स्थानों का आरक्षण
|
285.
|
243प
|
नगरपालिकाओं की अवधि,
आदि
|
286.
|
243फ
|
सदस्यता के लिए निरर्हताएं
|
287.
|
243ब
|
नगरपालिकाओं, आदि की शक्तियां, प्राधिकार और उत्तरदायित्व
|
288.
|
243भ
|
नगरपालिकाओं
द्वारा कर अधिरोपित करने की शक्ति और उनकी निधियां
|
289.
|
243म
|
वित्त आयोग
|
290.
|
243य
|
नगरपालिकाओं
के लेखाओं की संपरीक्षा
|
291.
|
243यक
|
नगरपालिकाओं
के लिए निर्वाचन
|
292.
|
243यख
|
संघ
राज्यक्षेत्रों को लागू होना
|
293.
|
243यग
|
इस
भाग का कतिपय क्षेत्रों को लागू न होना
|
294.
|
243यघ
|
जिला
योजना के लिए समिति
|
295.
|
243यड
|
महानगर
योजना के लिए समिति
|
296.
|
243यच
|
विद्यमान विधियों और नगरपालिकाओं का बना रहना
|
297.
|
243यछ
|
निर्वाचन संबंधी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप
का वर्जन
|
भाग 10 :
अनुसूचित और जनजाति क्षेत्र ( 244-244क )
|
||
298.
|
244
|
अनुसूचित क्षेत्रों और जनजाति क्षेत्रों का प्रशासन
|
299.
|
244क
|
असम के कुछ जनजाति क्षेत्रों को समाविष्ट करने वाला
एक स्वशासी राज्य बनाना और उसके लिए स्थानीय विधान मंडल या मंत्रि परिषद का
या दोनों का सृजन
|
भाग 11 :
संघ और राज्यों के बीच संबंध ( 245-263 )
|
||
अध्याय 1 : विधायी संबंध ( 245-255 )
|
||
विधायी शक्तियों का वितरण
|
||
300.
|
245
|
संसद द्वारा राज्यों के विधान मंडलों द्वारा बनाई गई
विधियों का विस्तार
|
301.
|
246
|
संसद
द्वारा और राज्य के विधान मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों की विषयवस्तु
|
302.
|
247
|
कुछ अतिरिक्त न्यायालयों की स्थापना का उपबंध करने
की संसद की शक्ति
|
303.
|
248
|
अवशिष्ट
विधायी शक्तियां
|
304.
|
249
|
राज्य सूची में के विषय के संबंध में राष्ट्रीय हित
में विधि बनाने की संसद की शक्ति
|
305.
|
250
|
यदि
आपात की उदघोषणा प्रवर्तन में हो तो राज्य सूची में के विषय के संबंध में विधि
|
306.
|
251
|
संसद
द्वारा अनुच्छेद 249 और अनुच्छेद 250 के अधीन बनाई गई विधियों और राज्यों के
विधान मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों में असंगति
|
307.
|
252
|
दो
या अधिक राज्यों के लिए उनकी सहमति से विधि बनाने की संसद की शक्ति और ऐसी विधि
का किसी अन्य राज्य द्वारा अंगीकार किया जाना
|
308.
|
253
|
अंतरराष्ट्रीय करारों को प्रभावी करने के लिए विधान
|
309.
|
254
|
संसद
द्वारा बनाई गई विधियों और राज्यों के विधान मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों में
असंगति
|
310.
|
255
|
सिफारिशों
और पूर्व मंजूरी के बारे में अपेक्षाओं को केवल प्रक्रिया के विषय मानना
|
अध्याय 2 : प्रशासनिक संबंध ( 256-263 )
|
||
साधारण
|
||
311.
|
256
|
राज्यों की ओर संघ की बाध्यता
|
312.
|
257
|
कुछ दशाओं में राज्यों पर संघ का नियंत्रण
|
313.
|
257क
|
[निरसन]
|
314.
|
258
|
कुछ दशाओं में राज्यों को शक्ति प्रदान करने आदि की
संघ की शक्ति
|
315.
|
258क
|
संघ
को कृत्य सौंपने की राज्यों की शक्ति
|
316.
|
259
|
[निरसन]
|
317.
|
260
|
भारत
के बाहर के राज्य क्षेत्रों के संबंध में संघ की अधिकारिता
|
318.
|
261
|
सार्वजनिक कार्य, अभिलेख और न्यायिक कार्यवाहियां
|
जल संबंधी विवाद ( 262 )
|
||
319.
|
262
|
अंतरराज्यिक
नदियों या नदी दूनों के जल संबंधी विवादों का न्यायनिर्णयन
|
राज्यों के बीच समन्वय ( 263 )
|
||
320.
|
263
|
अंतरराज्य परिषद के संबंध में उपबंध
|
भाग 12 :
वित्त, संपत्ति, संविदाएं
और वाद ( 264-300क )
|
||
अध्याय 1 : वित्त ( 264-291 )
|
||
321.
|
264
|
निर्वचन
|
322.
|
265
|
विधि के प्राधिकार के बिना करों का अधिरोपण न किया
जाना
|
323.
|
266
|
भारत और राज्यों के संचित निधियां और लोक लेखे
|
324.
|
267
|
आकस्मिकता निधि
|
संघ और राज्यों के बीच राजस्वों का
वितरण ( 268-281 )
|
||
325.
|
268
|
संघ द्वारा उदगृहीत किए जाने वाले किन्तु राज्यों
द्वारा संगृहीत और विनियोजित किए जाने वाले शुल्क
|
326.
|
269
|
संघ द्वारा उदगृहीत और संगृहीत किन्तु राज्यों को
सौंपे जाने वाले कर
|
327.
|
270
|
उदगृहीत
कर और उनका संघ तथा राज्यों के बीच वितरण
|
328.
|
271
|
कुछ शुल्कों और करों पर संघ के प्रयोजनों के लिए
अधिभार
|
329.
|
272
|
[निरसन]
|
330.
|
273
|
जूट पर और जूट उत्पादों का निर्यात शुल्क के स्थान
पर अनुदान
|
331.
|
274
|
ऐसे कराधान पर जिसमें राज्य हितबद्ध है, प्रभाव डालने वाले विधेयकों के लिए राष्ट्रपति
की पूर्व सिफारिश की अपेक्षा
|
332.
|
275
|
कुछ राज्यों को संघ अनुदान
|
333.
|
276
|
वृत्तियों, व्यापारों, आजीविकाओं और नियोजनों पर कर
|
334.
|
277
|
व्यावृत्ति
|
335.
|
278
|
[निरसन]
|
336.
|
279
|
"शुद्ध आगम",
आदि की गणना
|
337.
|
280
|
वित्त
आयोग
|
338.
|
281
|
वित्त आयोग की सिफारिशें
|
प्रकीर्ण वित्तीय उपबंध ( 282-291 )
|
||
339.
|
282
|
संघ या राज्य द्वारा अपने राजस्व के लिए जाने वाले
व्यय
|
340.
|
283
|
संचित निधियों, आकस्मिकता निधियों और लोक लेखाओं में जमा धनराशियों की अभिरक्षा आदि
|
341.
|
284
|
लोक सेवकों और न्यायालयों द्वारा प्राप्त
वादकर्ताओं की जमा राशियों और अन्य धनराशियों की अभिरक्षा
|
342.
|
285
|
संघ और संपत्ति को राजय के कराधान से छूट
|
343.
|
286
|
माल
के क्रय या विक्रय पर कर के अधिरोपण के बारे में निर्बंधन
|
344.
|
287
|
विद्युत पर करों से छूट
|
345.
|
288
|
जल या विद्युत के संबंध में राज्यों द्वारा कराधान
से कुछ दशाओं में छूट
|
346.
|
289
|
राज्यों की संपत्ति और आय को संघ और कराधार से छूट
|
347.
|
290
|
कुछ
व्ययों और पेंशनों के संबंध में समायोजन
|
348.
|
290क
|
कुछ
देवस्वम निधियों की वार्षिक संदाय
|
349.
|
291
|
[निरसन]
|
अध्याय 2 : उधार लेना ( 292-293 )
|
||
350.
|
292
|
भारत सरकार द्वारा उधार लेना
|
351.
|
293
|
राज्यों द्वारा उधार लेना
|
अध्याय 3 : संपत्ति संविदाएं, अधिकार, दायित्व,
बाध्यताएं और वाद ( 294-300 )
|
||
352.
|
294
|
कुछ दशाओं में संपत्ति,
अास्तियों, अधिकारों, दायित्वों और बाध्यताओं का उत्तराधिकार
|
353.
|
295
|
अन्य
दशाओं में संपत्ति, आस्तियों, अधिकारों, दायित्वों और बाध्यताओं का
उत्तराधिकार
|
354.
|
296
|
राजगामी
या व्यपगत या स्वामीविहीन होने से प्रोदभूत संपत्ति
|
355.
|
297
|
राज्य
क्षेत्रीय सागर खण्ड या महाद्वीपीय मग्नतट भूमि में स्थित मूल्यवान चीजों और
अनन्य आर्थिक क्षेत्र संपत्ति स्रोतों का संघ में निहित होना
|
356.
|
298
|
व्यापार
करने आदि की शक्ति
|
357.
|
299
|
संविदाएं
|
358.
|
300
|
वाद
और कार्यवाहियां
|
अध्याय 4 : संपत्ति का अधिकार ( 300क
)
|
||
359.
|
300क
|
विधि
के प्राधिकार के बिना व्यक्तियों को संपत्ति से वंचित न किया जाना
|
भाग 13 :
भारत के राज्य क्षेत्र के भीतर व्यापार, वाणिज्य
और समागम ( 301-307 )
|
||
360.
|
301
|
व्यापार, वाणिज्य और समागम की स्वतंत्रता
|
361.
|
302
|
व्यापार, वाणिज्य और समागम पर निर्बंधन
अधिरोपित करने की संसद की शक्ति
|
362.
|
303
|
व्यापार
और वाणिज्य के संबंध में संघ और राज्यों की विधायी शक्तियों पर निर्बंधन
|
363.
|
304
|
राज्यों
के बीच व्यापार, वाणिज्य और समागम पर
निर्बंधन
|
364.
|
305
|
विद्यमान
विधियों और राज्य के एकाधिकार का उपबंध करने वाली विधियों की व्यावृत्ति
|
365.
|
306
|
[निरसन]
|
366.
|
307
|
अनुच्छेद 301 से अनुच्छेद 304 के प्रयोजनों को
कार्यान्वित करने के लिए प्राधिकारी की नियुक्ति
|
भाग 14 :
संघ और राज्यों के अधीन सेवाएं ( 308-323 )
|
||
अध्याय 1 : सेवाएं ( 308-314 )
|
||
367.
|
308
|
निर्वचन
|
368.
|
309
|
संघ या राज्य की सेवा करने वाले व्यक्तियों की
भर्ती और सेवा की शर्तें
|
369.
|
310
|
संघ या राज्य की सेवा करने वाले व्यक्तियों की
पदावधि
|
370.
|
311
|
संघ
या राज्य के अधीन सिविल हैसियत में नियोजित व्यक्तियों का पदच्युत किया जाना
या पंक्ति में अवनत किया जाना
|
371.
|
312
|
अखिल भारतीय सेवाएं
|
372.
|
312क
|
कुछ सेवाओं के अधिकारियों की सेवा की शर्तों में
परिवर्तन करने या उन्हें प्रतिसंहृत करने की संसद की शक्ति
|
373.
|
313
|
संक्रमण कालीन उपबंध
|
374.
|
314
|
[निरसन]
|
अध्याय 2 : लोक सेवा आयोग ( 315-323 )
|
||
375.
|
315
|
संघ
और राज्यों के लिए लोक सेवा आयोग
|
376.
|
316
|
सदस्यों की नियुक्ति और पदावधि
|
377.
|
317
|
लोक
सेवा आयोग के किसी सदस्य का हटाया जाना और निलंबित किया जाना
|
378.
|
318
|
आयोग
के सदस्यों और कर्मचारिवृंद की सेवा की शर्तों के बारे में विनियम बनाने की
शक्ति
|
379.
|
319
|
आयोग
के सदस्यों द्वारा ऐसे सदस्य न रहने पर पद धारण करने के सबंध में प्रतिषेध
|
380.
|
320
|
लोक
सेवा आयोगों के कृत्य
|
381.
|
321
|
लोक
सेवा आयोगों के कृत्यों का विस्तार करने की शक्ति
|
382.
|
322
|
लोक सेवा आयोगों के व्यय
|
383.
|
323
|
लोक सेवा आयोगों के प्रतिवेदन
|
भाग 14 क : अभिकरण ( 323क-323ख )
|
||
384.
|
323क
|
प्रशासनिक
अधिकरण
|
385.
|
323ख
|
अन्य
विषयों के लिए अधिकरण
|
भाग 15 :
निर्वाचन ( 324-329 )
|
||
386.
|
324
|
निर्वाचनों
के अधीक्षण, निदेशन और नियंत्रण का
निर्वाचन आयोग में निहित होना
|
387.
|
325
|
धर्म, मूलवंश, जाति या लिंग के आधार पर किसी व्यक्ति का
निर्वाचक नामावली में सम्मिलित किए जाने के लिए अपात्र न होना और उसके द्वारा
किसी विशेष निर्वाचक-नामावली में सम्मिलित किए जाने का दावा न किया जाना
|
388.
|
326
|
लोक सभा और राज्यों की विधान सभाओं के लिए
निर्वाचनों का वयस्क मताधिकार के आधार पर होना
|
389.
|
327
|
विधान
मंडल के लिए निर्वाचनों के संबंध में उपबंध करने की संसद की शक्ति
|
390.
|
328
|
किसी राज्य के विधान मंडल के लिए निर्वाचनों के
संबंध में उपबंध करने की उस विधान मंडल की शक्ति
|
391.
|
329
|
निर्वाचन संबंधी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप
का वर्जन
|
392.
|
329क
|
[निरसन]
|
भाग 16 :
कुछ वर्गों के संबंध में विशेष उपबंध ( 330-342 )
|
||
393.
|
330
|
लोक
सभा में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थानों का आरक्षण
|
394.
|
331
|
लोक
सभा में आंग्ल भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व
|
395.
|
332
|
राज्यों की विधान सभाओं में अनुसूचित जातियों और
अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थानों का आरक्षण
|
396.
|
333
|
राज्यों
की विधान सभाओं में आंग्ल भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व
|
397.
|
334
|
स्थानों के आरक्षण और विशेष प्रतिनिधित्व का साठ
वर्ष के पश्चात न रहना
|
398.
|
335
|
सेवाओं और पदों के लिए अनुसूचित जातियों और अनुसूचित
जनजातियों के दावे
|
399.
|
336
|
कुछ
सेवाओं में आंग्ल भारतीय समुदाय के लिए विशेष उपबंध
|
400.
|
337
|
आंग्ल भारतीय समुदाय के फायदे के लिए शैक्षिक अनुदान
के लिए विशेष उपबंध
|
401.
|
338
|
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग
|
402.
|
338क
|
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग
|
403.
|
339
|
अनुसूचित
क्षेत्रों के प्रशासन और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के बारे में संघ का
नियंत्रण
|
404.
|
340
|
पिछड़े
वर्गों की दशाओं के अन्वेषण के लिए आयोग की नियुक्ति
|
405.
|
341
|
अनुसूचित जातियां
|
406.
|
342
|
अनुसूचित
जनजातियां
|
भाग 17 :
राजभाषा ( 343-351 )
|
||
अध्याय 1 : संघ की भाषा ( 343-344 )
|
||
407.
|
343
|
संघ
की राजभाषा
|
408.
|
344
|
राजभाषा के संबंध में आयोग और संसद की समिति
|
अध्याय 2 : प्रादेशिक भाषाएं (
345-347 )
|
||
409.
|
345
|
राज्य की राजभाषा या राजभाषाएं
|
410.
|
346
|
एक
राज्य और दूसरे राज्य के बीच या किसी राज्य और संघ के बीच पत्रादि की राजभाषा
|
411.
|
347
|
किसी
राज्य की जनसँख्या के किसी अनुभाग द्वारा बोली जाने वाली भाषा के सम्बन्ध में विशेष
उपबंध
|
अध्याय 3 : उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालयों आदि की भाषा (
348-349 )
|
||
412.
|
348
|
उच्चतम
न्यायालय और उच्च न्यायालयों में और अधिनियमों,
विधेयकों आदि के लिए प्रयोग की जाने वाली भाषा
|
413.
|
349
|
भाषा
से संबंधित कुछ विधियां अधिनियमित करने के लिए विशेष प्रक्रिया
|
अध्याय
4 : विशेष निदेश ( 350-351 )
|
||
414.
|
350
|
व्यथा
के निवारण के लिए अभ्यावेदन में प्रयोग की जाने वाली भाषा
|
415.
|
350क
|
प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षा की सुविधाएं
|
416.
|
350ख
|
भाषाई अल्पसंख्यक वर्गों के लिए विशेष अधिकारी
|
417.
|
351
|
हिन्दी भाषा के विकास के लिए निदेश
|
भाग 18 :
आपात उपबंध ( 352-360 )
|
||
418.
|
352
|
आपात
की उदघोषणा
|
419.
|
353
|
आपात की उदघोषणा का प्रभाव
|
420.
|
354
|
जब
आपात की उदघोषणा प्रवर्तन में है तब राजस्वों के वितरण संबंधी उपबंधों का लागू
होना
|
421.
|
355
|
बाह्य
आक्रमण और आंतरिक अशांति से राज्य की संरक्षा करने का संघ का कर्तव्य
|
422.
|
356
|
राज्यों सांविधानिक तंत्र के विफल हो जाने की दशा
में उपबंध
|
423.
|
357
|
अनुच्छेद 356 के अधीन की गई उदघोषणा के अधीन विधायी
शाक्तियों का प्रयोग
|
424.
|
358
|
आपात के दौरान अनुच्छेद 19 के उपबंधों का निलंबन
|
425.
|
359
|
आपात
के दौरान भाग 3 द्वारा प्रदत्त अधिकारों के प्रवर्तन का निलबंन
|
426.
|
359क
|
[निरसन]
|
427.
|
360
|
वित्तीय आपात के बारे में उपबंध.
|
भाग 19 :
प्रकीर्ण ( 361-367 )
|
||
428.
|
361
|
राष्ट्रपति
और राज्यपालों और राजप्रमुखों का संरक्षण
|
429.
|
361क
|
संसद और राज्यों के विधान मंडलों की कार्यवाहियों की
प्रकाशन का संरक्षण
|
430.
|
361ख
|
लाभप्रद राजनीतिक पद पर नियुक्ति के लिए निरर्हता
|
431.
|
362
|
[निरसन]
|
432.
|
363
|
कुछ संधियों, करारों आदि से उत्पन्न विवादों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का
वर्जन
|
433.
|
363क
|
देशी राज्यों के शासकों को दी गई मान्यता की
समाप्ति और निजी थौलियों का अंत
|
434.
|
364
|
महापत्तनों और विमानक्षेत्रों के बारे में विशेष
उपबंध
|
435.
|
365
|
संघ द्वारा दिए गए निदेशों का अनुपालन करने में या
उनको प्रभावी करने में असफलता का प्रभाव
|
436.
|
366
|
परिभाषाएं
|
437.
|
367
|
निर्वचन
|
भाग 20 :
संविधान का संशोधन ( 368 )
|
||
438.
|
368
|
संविधान का संशोधन करने की संसद की शक्ति और उसके लिए
प्रक्रिया
|
भाग 21 : अस्थायी, परिवर्ती और विशेष प्रावधान ( 369-392 )
|
||
439.
|
369
|
राज्य सूची के कुछ विषयों के सबंध में विधि बनाने की
संसद की इस प्रकार अस्थायी शक्ति मानो वे समवर्ती सूची के विषय हों
|
440.
|
370
|
जम्मू और कश्मीर राज्य के संबंध में अस्थायी
उपबंध
|
441.
|
371
|
महाराष्ट्र
और गुजरात राज्यों के संबंध में विशेष उपबंध
|
442.
|
371क
|
नागालैंड राज्य के संबंध में विशेष उपबंध
|
443.
|
371ख
|
असम
राज्य के संबंध में विशेष उपबंध
|
444.
|
371ग
|
मणिपुर
राज्य के संबंध में विशेष उपबंध
|
445.
|
371घ
|
आंध्र प्रदेश राज्य के संबंध में विशेष उपबंध
|
446.
|
371ड
|
आंध्र
प्रदेश में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना
|
447.
|
371च
|
सिक्किम राज्य के संबंध में विशेष उपबंध
|
448.
|
371छ
|
मिजोरम राज्य के संबंध में विशेष उपबंध
|
449.
|
371ज
|
अरुणाचल प्रदेश राज्य के संबंध में विशेष उपबंध.
|
450.
|
371झ
|
गोवा
राज्य के संबंध में विशेष उपबंध
|
451.
|
372
|
विद्यमान
विधियों का प्रवृत्त बने रहना और उनका अनुकूलन
|
452.
|
372क
|
विधियों
का अनुकूलन करने की राष्ट्रपति की शक्ति
|
453.
|
373
|
निवारक निरोध में रखे गए व्यक्तियों के संबंध में
कुछ दशाओं में आदेश करने की राष्ट्रपति की शाक्ति
|
454.
|
374
|
फेडरल न्यायालय के न्यायाधीशों और फेडरल न्यायालय
में या सपरिषद हिज मेजेस्टी के समक्ष लंबित कार्यवाहियों के बारे में उपबंध
|
455.
|
375
|
संविधान
के उपबंधों के अधीन रहते हुए न्यायालयों, प्राधिकारियों और अधिकारियों का कृत्य करते रहना
|
456.
|
376
|
उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के बारे में उपबंध
|
457.
|
377
|
भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक के बारे में उपबंध
|
458.
|
378
|
लोक सेवा आयोगों के बारे में उपबंध
|
459.
|
378क
|
आंध्र
प्रदेश विधान सभा की अवधि के बारे में विशेष उपबंध
|
460.
|
379
|
[निरसन]
|
461.
|
380
|
[निरसन]
|
462.
|
381
|
[निरसन]
|
463.
|
382
|
[निरसन]
|
464.
|
383
|
[निरसन]
|
465.
|
384
|
[निरसन]
|
466.
|
385
|
[निरसन]
|
467.
|
386
|
[निरसन]
|
468.
|
387
|
[निरसन]
|
469.
|
388
|
[निरसन]
|
470.
|
389
|
[निरसन]
|
471.
|
390
|
[निरसन]
|
472.
|
391
|
[निरसन]
|
473.
|
392
|
कठिनाइयों
को दूर करने की राष्ष्ट्रपति की शक्ति
|
भाग 22 :
संक्षिप्त नाम, हिंदी में प्राधिकृत पाठ, प्रारंभ
और निरसन ( 393-395 )
|
||
474.
|
393
|
संक्षिप्त नाम
|
475.
|
394
|
प्रारंभ
|
476.
|
394क
|
हिन्दी
भाषा में प्राधिकृत पाठ
|
477.
|
395
|
निरसन
|
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