किसी वस्तु की पहचान या नाम बताने वाले शब्द को संज्ञा कहते है. संज्ञा का प्रयोग किसी वस्तु के लिए नहीं अपितु वस्तु के नाम के लिए होता है.
संज्ञा
किसी वस्तु, स्थान, भाषा, अवस्था, गुण, या दशा के नाम को संज्ञा कहते है. किसी वस्तु की पहचान या नाम बताने वाले शब्द को संज्ञा कहते है. संज्ञा का प्रयोग किसी वस्तु के लिए नहीं अपितु वस्तु के नाम के लिए होता है.
जिस कागज पर पुस्तक छपी है, वह कागज संज्ञा नहीं है: अपितु पदार्थ है, पर ‘कागज’ शब्द जिसके द्वारा हम उस पदार्थ को सूचित करते है, संज्ञा है.
जैसे :-
- व्यक्ति :- राम, श्याम, गाँधी, पुरुष , स्त्री आदि.
- वस्तु :- पेन, कुर्सी, मेज, चित्र आदि.
- भाव :- अच्छा , सर्दी, गर्मी, बुढ़ापा, लम्बाई आदि.
संज्ञा के मुख्य रूप से 3 भेद होते है –
- 1. व्यक्तिवाचक संज्ञा
- 2. जातिवाचक संज्ञा
- 3. भाववाचक संज्ञा
सामान्यतः संज्ञा के 5 भेद होते है, जिसमे द्रववाचक संज्ञा और समूहवाचक संज्ञा ; जातिवाचक संज्ञा के अंतर्गत आते है -
- 1. व्यक्तिवाचक संज्ञा
- 2. जातिवाचक संज्ञा
- 3. भाववाचक संज्ञा
- 4. द्रव्यवाचक संज्ञा
- 5. समूहवाचक संज्ञा
1. व्यक्तिवाचक संज्ञा :- किसी विशेष व्यक्ति, वस्तु, स्थान के नाम को व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते है. इससे किसी एक ही व्यक्ति या वस्तु का बोध होता है.
जैसे :-
- देश का नाम – भारत, जापान, भूटान, अमेरिका आदि.
- व्यक्ति का नाम – राम, श्याम, गौतम बुद्ध आदि.
- पुस्तक का नाम – गीता, रामायण, महाभारत आदि.
- नदी का नाम – गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र आदि.
- विशिष्ट नाम – ईश्वर, परमात्मा, ब्रह्माण्ड, परमब्रम्ह, प्रकृति आदि.
Note :-
A. जो इस संसार में केवल एक ही हो उसके लिए प्रयुक्त नाम व्यक्तिवाचक संज्ञा होगा.
जैसे :- पृथ्वी, आकाश, सूर्य, चंद्रमा आदि.
B. कुछ जातिवाचक संज्ञाएँ प्रसंग के अनुसार व्यक्तिवाचक संज्ञा मानी जाती है.
जैसे :- बोस ने कहा था तुम मुझे खून दो मई तुम्हे आजादी दूंगा.
वाक्य में बोस व्यक्तिवाचक संज्ञा है क्योकि यहाँ बोस , सुभास चन्द्र बोस को प्रदर्शित करता है.
2. जातिवाचक संज्ञा :- जिस शब्द से किसी व्यक्ति अथवा वस्तु के समस्त जाति या वर्ग का बोध हो उसे जातिवाचक संज्ञा कहते है.
जैसे :-
'नदी' से गंगा यमुना, कावेरी आदि सभी नदियों का बोध होता है।
'मनुष्य' कहने से संसार की मनुष्य-जाति का बोध होता है।
'पहाड़' कहने से संसार के सभी पहाड़ों का बोध होता हैं।
अन्य उदहारण :-
- मनुष्य, लड़का, भाई, बहन, पिता आदि.
- पशु, पक्षी, मोर, शेर, गधा, गाय आदि.
- घर, कुर्सी, मेज, किताब, पेन, नदी आदि.
- शिक्षक, लेखक, मंत्री, कविता, कहानी आदि.
- सड़क, ट्रेन, बस, पर्वत, नगर, गाँव, बच्चा, महाजन आदि.
Note :-
A. कुछ व्यक्तिवाचक संज्ञाएँ जो प्रसिद्ध एवं ऐतिहासिक नाम है, प्रसंग के अनुसार जातिवाचक संज्ञा मानी जाती है.
जैसे :- मेरा भाई हरिश्चंद्र है.
वाक्य में हरिश्चंद्र जातिवाचक संज्ञा है जो सत्य बोलने वाले लोगो को प्रदर्शित करता है.
अन्य उदहारण :-
- भारत में आज भी श्रवण कुमार पैदा होते है.
- वह कक्षा का कालिदास है.
- आज–कल हर शहर में रावण पैदा हो रहे है.
3. भाववाचक संज्ञा :- जिस शब्द से किसी भाव, गुण, दशा या अवस्था का बोध हो उसे भाववाचक संज्ञा कहते है. भाववाचक संज्ञा से जिसका बोध होता हो उसे देखा नहीं जा सकता है उन्हें केवल महसूस किया जा सकता है.
जैसे :-
- बचपन, मानवता, पशुता, लड़कपन आदि.
- अपनापन, ममत्व आदि.
- मिठास, दुर्बलता, सुन्दरता, धीरता आदि.
- घबराहट, सजावट, चढ़ाई, ज्ञान, विकास आदि.
4. द्रव्यवाचक संज्ञा :- जिस शब्द से किसी किसी पदार्थ या सामग्री का बोध हो उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते है. इसका माप-तौल किया जा सकता है.
जैसे :- सोना, पानी, कोयला, दूध, गेंहू आदि.
5. समूहवाचक संज्ञा :- जिस संज्ञा से व्यक्तियों, वस्तुओं आदि के समूह का बोध होता है उसे समूहवाचक संज्ञा कहते है.
जैसे :- सभा, कक्षा, सेना, भीड़, पुस्तकालय, परिवार, आयोग आदि.
भाववाचक
संज्ञा बनाना
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जातिवाचक
संज्ञा
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भाववाचक
संज्ञा
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जातिवाचक
संज्ञा
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भाववाचक
संज्ञा
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बच्चा
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बचपन
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मनुष्य
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मानवता
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मित्र
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मित्रता
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पवित्र
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पवित्रता
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दृढ़
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दृढ़ता
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पशु
|
पशुता
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सेवक
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सेवा
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नारी
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नारीत्व
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बुढा
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बुढ़ापा
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जाति
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जातीयता
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स्त्री
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स्त्रीत्व
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लड़का
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लड़कपन
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पात्र
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पात्रता
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पुरुष
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पुरुषत्व, पौरुष
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विशेषण
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भाववाचक
संज्ञा
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विशेषण
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भाववाचक
संज्ञा
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नियमित
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नियमितता
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गरीब
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गरीबी
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दयालू
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दयालुता
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धर्य
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धीरता
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ईमानदार
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ईमानदारी
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मजबूत
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मजबूती
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ऊँचा
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ऊंचाई
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अच्छा
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अच्छाई
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राष्ट्रीय
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राष्ट्रीयता
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वीर
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वीरता, वीरत्व
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श्रेष्ठ
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श्रेष्ठता
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लघु
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लघुता, लघुत्व
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चतुर
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चतुराई
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एक
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एकता
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गर्म
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गर्मी
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खट्टा
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खटाई
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भावुक
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भावुकता
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भला
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भलाई
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सभ्य
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सभ्यता
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लाल
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लालिमा
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सुन्दर
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सौन्दर्य, सुन्दरता
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मीठा
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मिठास
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दीन
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दीनता
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अधिक
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अधिकता, अधिक्य
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क्रिया
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भाववाचक
संज्ञा
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क्रिया
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भाववाचक
संज्ञा
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बोल
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भूल
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झुला
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बैठक
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कमाई
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कूद
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पड़ाव
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बुलाना
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बुलावा
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नाच
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बनना
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बनावट
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समझ
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