Keep it up...      How are you today!!!
Showing posts with label Hindi Vyakaran. Show all posts
Showing posts with label Hindi Vyakaran. Show all posts

विराम चिन्ह

विराम का अर्थ है – रुकना या ठहरना
भिन्न-भिन्न प्रकार के भावो और विचारो को स्पष्ट करने के लिए जिन चिन्हों का प्रयोग किया जाता है, उन्हें विराम चिन्ह कहते है.

अलंकार

अलंकार शब्द ‘अलम’ धातु से बना है, जिसका अर्थ है आभूषण.
काव्य की शोभा बढाने वाले तत्वों को अलंकार कहते है.



छन्द

मात्रा अथवा वर्णों की संख्या, क्रम, यति, गति, तुक, लय आदि नियमो से युक्त विशिष्ट पद्य रचना को छन्द या वृत्त कहते है.



रस

साहित्य में काव्य को पढ़ने सुनने या उसपर आधारित अभिनय को देखने से जो आनंद प्राप्त होता है उसे रस कहते है.



समास

‘समास’ शब्द का शाब्दिक अर्थ है– संक्षिप्त करना। सम्+आस् = ‘सम्’ का अर्थ है– अच्छी तरह पास एवं ‘आस्’ का अर्थ है– बैठना या मिलना। अर्थात् दो शब्दों को पास–पास मिलाना।



सन्धि

सन्धि का अर्थ है– मिलना। दो वर्णो या अक्षरों के परस्पर मेल से उत्पन्न विकार को 'सन्धि' कहते हैं। 



शब्द-युग्म

प्रत्येक भाषा में कई शब्द ऐसे होते हैं, जिनके उच्चारण और वर्तनी में बहुत कम भिन्नता होती है, परन्तु अर्थ की दृष्टि से वे बिल्कुल भिन्न होते हैं। ऐसे शब्दो को युग्म–शब्द कहते हैं। 



एकार्थक शब्द

बहुत से शब्द ऐसे हैं, जिनका अर्थ देखने और सुनने में एक–सा लगता है, परन्तु वे समानार्थी नही होतेहैं। ध्यान से देखने पर पता चलता है कि उनमें कुछ अन्तर भी है। इनके प्रयोग में भूल न हो इसके लिए इनकी अर्थ–भिन्नता को जानना आवश्यक है।



वाक्यांश के लिए शब्द

भाषा में भावो की शुद्धता के लिए आवश्यक है की कम से कम शब्दों का प्रयोग किया जाय, वाक्यांशों को संक्षिप्त करने के लिए उनके स्थान पर किसी विशेष शब्द का प्रयोग किया जाता है. जिसका एक निश्चित अर्थ होता है.



मुहावरा

सामान्य अर्थ का बोध न कराकर विशेष अथवा विलक्षण अर्थ का बोध कराने वाले पदबन्ध को मुहावरा कहते है। इन्हे वाग्धारा भी कहते है। इनके अंत में प्रायः ‘ना’ लगा होता है.

अनेकार्थक-शब्द

एक से अधिक अर्थ धारण करने वाले शब्दों को अनेकार्थक शब्द कहते है. एक से अधिक अर्थ प्रसंग के आधार पर होता है.



पर्यायवाची-शब्द

समान अर्थ प्रकट करने वाले शब्दों को पर्यायवाची शब्द कहते है.



वर्तनी

व्याकरण के नियमो की जानकारी न होने पर बोलने और लिखने में प्रायः गलतियाँ हो जाती है, जिससे शब्दों को लिखने में ‘वर्ण’ एवं मात्रा सम्बन्धी अशुद्धियाँ हो जाती है.



तत्सम-तद्भव

हिंदी में बहुत से शब्द संस्कृत से सीधे आ गये है और आज भी संस्कृत के मूल शब्द की भांति हिंदी में प्रयुक्त होते है. इन्ही शब्दों को तत्सम शब्द कहा जाता है.



विलोम-शब्द

विपरीत अर्थ प्रकट करने वाले शब्दों को विलोम शब्द कहते है.



प्रत्यय

जो शब्दांश किसी शब्द के अन्त में जुड़कर नवीन शब्द का निर्माण करके पहले शब्द के अर्थ में परिवर्तन या विशेषता उत्पन्न कर देते हैं, उन्हें प्रत्यय कहते हैं।



उपसर्ग

जो शब्दांश किसी शब्द के पहले जुड़कर उसके अर्थ में परिवर्तन या विशेषता उत्पन्न कर देते हैं उन्हें उपसर्ग कहते हैं।



लिंग (पुल्लिंग-स्त्रीलिंग)

जिस शब्द से किसी पुरुष या स्त्री जाति का बोध होता है उसे लिंग कहते है.



वाच्य

वाच्य-क्रिया के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि वाक्य में क्रिया द्वारा संपादित नियम का विषय कर्ता है, कर्म है, अथवा भाव है, उसे वाच्य कहते हैं।



कारक

संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से उसका वाक्य के अन्य शब्दो, विशेषकर क्रिया से सम्बन्ध ज्ञात हो, उसे कारक कहते है।



Popular Posts