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विटामिन





Vitamins

Vitamin
Chemical Name
Deficiency diseases
Sources
A
Retinol
Night-blindness, Keratomalacia, Xeropthalmia
Egg, Butter, Papaya, Carrot, Milk, Liver, Cabbage.
D
Calciferol
Rickets, Osteomalacia
Egg, Cod-liver oil, Milk, Fish, Sunlight.
E
Tocopherol
Anemia in newborn infants
Banana, Green Vegetables, Soya-beans, Egg, Almond
K
Phylloquinone
Bleeding diathesis
Tomato, Soya-beans, Spinach, Meat, Turnip, Lettuce,
B1
Thiamine
Beriberi
Peas, Meat, Potato, Grains, Soya-beans, Milk.
B2
Riboflavin
Ariboflavinosis, Dermatitis, Brain dysfunction
Vegetables, Custard-Apple, Meat, Cheese, Milk, Soya-beans.
B3
Niacin
Pellagra
Lean meats, Nuts, Potato, Honey.
B5
Pantothenic acid
Paresthesia
Eggs, Pork, Beef, Fish, Milk, Fruits/Vegetables.
B6
Pyridoxine
Megaloblastic anemia, Heart disease, depression, stroke
Dry fruits & Nuts, Peas, Pulses, Fish, Meat, Milk.
B7
Biotin
Dermatitis,
Liver, Egg-yolks, Nuts, Meat, Vegetables.
B9
Folic acid
Neural tube defects
Liver, Eggs, Chicken, Vegetables, Beef, Lamb.
B12
Cyanocobalamin
Megaloblastic anemia
Egg, Meat, Liver, Cheese, Milk, Fish.
B17



C
Ascorbic acid
Scurvy
Emblic, Grapes, Lemon, Orange, Tomato, Guava.


विटामिन

  • विटामिन शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम 1911 में कासिमिर फंक ने किया था.
  • विटामिन की खोज 1912 में H.G. Hopkins ने किया था.
  • विटामिन एक प्रकार का कार्बनिक यौगिक है.
  • विटामिन गर्म करने पर नष्ट हो जाते है.
  • इनमें कोई कैलोरी नहीं होती है अर्थात इनसे हमें उर्जा नहीं मिलती है. परन्तु ये शरीर की उपापचय व रासायनिक क्रियाओं के लिए आवश्यक है.
  • विटामिन को रक्षात्मक खाद्य पदार्थ भी कहा जाता है.
  • विटामिन मुख्यतः छोटी आंत में अवशोषित होती है.
  • विटामिन का संश्लेषण प्रायः मानव शरीर में नहीं होता है, परन्तु अल्प मात्रा में यकृत में विटामिन-K तथा सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में विटामिन-D का संश्लेषण होता है.
  • विटामिन-D का संश्लेषण सूर्य के प्रकाश में उपस्थित पराबैगनी किरणों द्वारा त्वचा के इर्गेस्ट्राल द्वारा होता है.
  • विटामिन B प्रोटीन के पाचन हेतु आवश्यक होता है.

विटामिन के प्रकार –
  • जल में घुलनशील – B, C.
  • वसा में घुलनशील – A, D, E, K.


विटामिन – A (कैरोटिन)

रासायनिक नाम – रेटिनाल.

मानव शरीर में विटामिन - A यकृत में संचित रहता है.

इसे एंटी इन्फेक्शन तथा एंटी कैंसर विटामिन कहा जाता है.

कार्य –
  • शारीरिक वृद्धि, आँखों की रोशनी के लिए उत्तरदायी.
  • मानव शरीर को संक्रामक रोगों से बचाता है.
  • यह संक्रमण के प्रति प्रतिरोध को बढ़ाता है.
  • नेत्रों की शलाकाओं में रेडाप्सिन का संश्लेषण, एपिथिलियम स्तर की वृद्धि में सहायक होता है.

कमी से होने वाले रोग –
  • रतौंधी / निक्टोलोपिया – रात में तथा धुंधले प्रकाश में दिखना बंद हो जाता है.
  • जिरोफ्थैल्मिया – इस रोग से नेत्र की कार्निया कठोर होने लगाती है. इस रोग के कारण विटामिन - को जिरोफ्थाल भी कहते है.
  • आंसू निर्माण रुक जाता है.

स्रोत –
मुख्य स्रोत – गाजर.
पपीता, हरी सब्जियाँ, पनीर, दूध, मांस, पालक, कद्दू, मक्खन, मछली के यकृत का तेल, पका आम आदि.

विटामिन – B1

रासायनिक नाम – थायमिन.

कार्य –
  • तंत्रिका तंत्र के सुचारू रूप से कार्य करने के लिए अति आवश्यक होता है. इसलिए इसे तंत्रिका-शोध रोधी विटामिन (Antineurotic Vitamin) या एन्युरिन भी कहते है.
  • एमिनो एसिड, लिपिड के उपापचय को नियंत्रित करता है.
  • कार्बोहाइड्रेट के पाचन में को-एंजाइम के रूप में कार्य करते हैं.

कमी से होने वाले रोग –
  • बेरी-बेरी – यह एक प्रकार का लकवा रोग है जो तंत्रिका तंत्र के सुचारू रूप से कार्य न करने के कारण होता है.
  • पेशियाँ दुर्बल हो जाती है.

स्रोत –
मुख्य स्रोत – अनाज (चावल, गेहूं) के छिलके.
खमीर, हरी सब्जियां, दूध आदि.

विटामिन - B2

रासायनिक नाम – राइबोफ्लाविन.

यह सर्वप्रथम दूध से प्राप्त किया गया था इसलिए इसे लैक्टोफ्लाविन भी कहा जाता है.

आंत में पाए जाने वाले सहजीवी जीवाणु द्वारा संशेलित होता है.

कार्य –
  • यह विटामिन वृद्धि कारक है.
  • प्रोटीन और वसा के उपापचय में सहायक.
  • यह FMN तथा FAD निर्माण के लिए आवश्यक है.

कमी से होने वाले रोग –
  • ओष्ठ विवरण (किलोसिस) हो जाता है, जिसमे होंठ और मुंह के कोने फटने लगते हैं.
  • ग्सिलोटिड - जीभ का चिकना तथा नीला होना.
  • जीभ पर दाने निकल आते हैं.
  • जंतुओं की वृद्धि मंद हो जाती है.

स्रोत – चावल की छीलन, दूध, पनीर, अंडा, मांस, हरी सब्जियां आदि.

विटामिन B3 (पैन्टोथिनिक अम्ल)

रासायनिक नाम – नियासिन / निकोटिनैमाइड

इसे एंटी पेलेग्रा या विटामिन PP भी कहा जाता है.

कार्य –
  • A.T.P. चक्र (Cycle) में सहायता करता है.
  • यह कोलेस्ट्राल के उत्पादन को रोकता है. 

कमी से होने वाले रोग –
  • डायरिया, पेलेग्रा, त्वचा दाद, 4-D सिंड्रोम (डर्मेटाइटिस, सिंड्रोम, डिमेंसिया, डेथ).
  • कुक्कुटो में इस विटामिन की कमी से डर्मेटाईस रोग हो जाता है जिससे परो की वृद्धि रुक जाती है.

स्रोत  दूध, दही, पनीर, मांस, सोयाबीन आदि.

विटामिन – B5

रासायनिक नाम – पेंटोथेनिक अम्ल

कार्य –
  • त्वचा व अच्छे बालो के लिए आवश्यक.
  • इससे को-एंजाइम का निर्माण होता है जो कार्बोहाइड्रेट, वसा एवं प्रोटीन के निर्माण में सहायक होता है.
  • यह एसीटाइलकोलीन के निर्माण में सहायक है.

कमी से होने वाले रोग –
  • बाल सफेद होना.
  • मंद बुद्धि होना.

स्रोत –
मुख्य स्रोत -शहद
पनीर, दूध, मांस, अंडे आदि.

विटामिन – B6 (एडर्मिन)

रासायनिक नाम – पायरीडाक्सिन

कार्य –
  • R.B.C. का निर्माण करना.
  • अमीनो अम्ल तथा प्रोटीन का उपापचय.
  • T.B. के उपचार में उपयोगी.

कमी से होने वाले रोग –
  • एनीमिया.
  • त्वचा सम्बन्धी रोग (त्वचा लाल हो जाती है).

स्रोत – चावल का चोकर, खमीर, मक्का, गेंहू आदि.

विटामिन – B7 , H (थायमिन)

रासायनिक नाम – बायोटिन
यह सल्फर युक्त विटामिन है.

यह वसा निर्माण में सहायक है.

कार्य –
  • बाल व नाखून मजबूत करता है.
  • कार्बोहाइड्रेट, वसा, वसीय अम्लो का संश्लेषण.

कमी से होने वाले रोग –
  • लकवा, शरीर में दर्द.
  • बालो का झड़ना.
  • चर्म रोग (डर्मेटाइटिस)

स्रोत – अंडे, यकृत, खमीर, दूध, हरी सब्जी, मूंगफली, गेंहू आदि.

विटामिन – B9

रासायनिक नाम – फोलिक अम्ल

गर्भ में पल रहे बच्चे के स्नायु तंत्र की फोलिक अम्ल स्वस्थ रखता है.

कार्य –
  • रुधिर कोशिका का निर्माण करने में मदद करता है.
  • सूक्ष्म जीवो की वृद्धि के लिए आवश्यक है.
  • भोजन के अवशोषण में सहायता करता है.

कमी से होने वाले रोग –
  • एनीमिया.
  • मुंह में छाले हो जाते है.
  • पेचिश.

स्रोत – पालक, केला, निम्बू, यकृत आदि.

विटामिन – B12

रासायनिक नाम – सायनोकोबाल्मिन.

इसमे कोबाल्ट धातु पायी जाती है.

कार्य –
  • नाइट्रोजन का उपापचय.
  • न्यूक्लिक अम्लो का संश्लेषण.

कमी से होने वाले रोग –
  • पर्निसियस एनीमिया.
  • पेचिश.
  • प्रणाशी अरक्तता.
  • पनिसियस.

स्रोत – मांस, दूध, मछली, अंडा, यकृत, शैवाल आदि.

विटामिन – B17

रासायनिक नाम – Amuygdadelin

कार्य –

कमी से होने वाले रोग –

स्रोत –

विटामिन – C

रासायनिक नाम – एस्कार्बिक अम्ल.

विटामिन को गर्म करने पर सबसे पहले विटामिन-C नष्ट होता है.

कटे सब्जियों को धोने से उसमे से विटामिन-C निकल जाता है.

विटामिन-C अंडे व दूध में नहीं पाया जाता है.

शराबी व्यक्ति के शरीर में विटामिन C की कमी हो जाती है.

कार्य –
  • दांतों के डेन्टाइन तथा अस्थियों के मैट्रिक्स का निर्माण करना.
  • घाव भरने, एंटीबाडी बनाने में सहायता करता है.
  • पित्ताशय में पथरी बनने से रोकता है.
  • हिमोग्लोबिन के निर्माण में सहायक है.
  • संयोजी ऊतक के निर्माण में सहायक है.
  • ह्रदय की धड़कन को सामान्य रखता है.

कमी से होने वाले रोग –
  • स्कर्वी – मंसूड़े फुल जाते हैं और खून आने लगता है, घाव आसानी से ठीक नहीं होते है.
  • हड्डियाँ भंगुर होने लगती है.
  • दांत ढीले होकर गिराने लगते हैं.

स्रोत –
मुख्य स्रोत – आंवला
कच्चे आम, निम्बू, मौसमी, हरी मिर्च, टमाटर, यकृत, खट्टे फल आदि.

विटामिन – D

रासायनिक नाम – कैल्सिफेराल.

यह विटामिन सब्जियों में नहीं पाया जाता है.

त्वचा -> इर्गेस्टराल -> पराबैगनी किरण (UV rays) -> विटामिन-D

कार्य –
  • कैल्शियम तथा फास्फोरस का क्षुद्रांत में अवशोषण करने में सहायक.
  • हड्डियों एवं दांतों का स्वास्थ्य वृद्धि.

कमी से होने वाले रोग –
  • बच्चो में रिकेट्स (सुखा रोग)- हड्डियाँ नर्म, कमजोर, लचीली व टेढ़ी हो जाती है.
  • वयस्कों में अस्टियोमलेशिया – हड्डियाँ खोखली हो जाती है.

स्रोत – काड लीवर आयल, मछली का तेल, मांस, अंडे, मक्खन, पनीर आदि.

विटामिन – E

रासायनिक नाम – टोकोफेराल.

बंध्यतारोधी विटामिन.

इसमे एंटीओक्सीडेंट (Antioxidant) होता है जो खराब पदार्थो को बाहर निकाल देता है, इसलिए इसे सुन्दरता का विटामिन भी कहा जाता है.

कार्य –
  • जननिक एपिथिलियम की वृद्धि, प्रजनन में आवश्यक.

कमी से होने वाले रोग –
  • जनन क्षमता में कमी, अंगघात.
  • अंगघात (पोलियो), पेशियों का कमजोर होना.

स्रोत – केला, सब्जियां, सोयाबीन, अंडे, अंकुरित गेंहू, कपास के बीज आदि.

विटामिन – K

रासायनिक नाम – फिलोक्वीनान.

विटामिन-K -> यकृत -> प्रोथ्रोम्बिन(प्रोटीन).

यह जीवाणुओं द्वारा आंतो में संश्लेषित किया जाता है.

इसे एंटी हिमोरेगिक विटामिन भी कहा जाता है.

कार्य –
  • रुधिर का थक्का बनाने में आवश्यक होता है.
  • यकृत में प्रोथ्रोम्बिन का निर्माण करता है.

कमी से होने वाले रोग –
  • हेमरेज (रक्त स्राव) रुधिर का थक्का नहीं बनता है.
  • हिमोफिलिया (अनुवांशिक रोग).

स्रोत – पालक, पत्तागोभी, गाजर, अंडे, यकृत, सोयाबीन आदि.




          


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