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क्रिया-विशेषण

क्रिया या विशेषण की विशेषता बताने वाले शब्दों को विशेषण कहते है.




क्रिया - विशेषण

जो शब्द किसी क्रिया, विशेषण या क्रिया-विशेषण की विशेषता बताते है क्रिया- विशेषण कहलाते है.

जैसे :-

वह जा रहा है  ; वह धीरे-धीरे जा रहा है ; वह अभी जा रहा है.

उपर्युक्त उदाहरण में दूसरा तथा तीसरा वाक्य पहले वाक्य के ‘जाने’ की क्रिया की विशेषता बताते है अतः ‘धीरे-धीरे’ तथा ‘अभी’ क्रिया-विशेषण है.

अन्य उदाहरण :-
  • वह तुरन्त चला गया.
  • सुबह जल्दी उठना चाहिए.
  • वह यहाँ नहीं रहता है.
  • राम यहाँ आओ.
  • मैं वहाँ अवश्य जाऊँगा.

अर्थ के आधार पर क्रियाविशेषण के निम्न भेद हैं-
  • 1. कालवाचक क्रिया-विशेषण
  • 2. स्थानवाचक क्रिया-विशेषण
  • 3. दिशावाचक क्रिया-विशेषण
  • 4. परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण
  • 5. रीतिवाचक क्रिया-विशेषण
  • 6. निश्चयवाचक क्रिया-विशेषण
  • 7. अनिश्चयवाचक क्रिया-विशेषण
  • 8. निषेधवाचक क्रिया-विशेषण

1. कालवाचक क्रिया-विशेषण :- जो शब्द क्रिया के समय से सम्बद्ध विशेषता बताएँ, उन्हें कालवाचक क्रिया-विशेषण कहते हैं।

जैसे :- अभी-अभी, आज, कल, परसों, प्रतिदिन, अब, जब, कब, तब, लगातार, बार-बार, पहले, बाद में, निरन्तर, नित्य, दोपहर, सायं आदि।

अन्य उदाहरण :-
  • वह अभी-अभी चला गया।
  • मैं वहाँ प्रतिदिन जाता हूँ।

उपर्युक्त वाक्यों में 'अभी-अभी' और 'प्रतिदिन' शब्द 'चला गया' तथा 'जाता हूँ' क्रियाओं की समय-संबंधी विशेषता बता रहे  हैं।

2. स्थानवाचक क्रिया-विशेषण :- जो शब्द क्रिया के स्थान से सम्बद्ध विशेषता बताते हैं, उन्हें स्थानवाचक क्रिया-विशेषण कहते हैं।

जैसे :- वहाँ, कहाँ, पास, दूर, अन्यत्र, आस-पास, ऊपर, निचे आदि।

अन्य उदाहरण :-
  • कृपया ऊपर चले जाइए।
  • रोहित यहाँ नहीं रहता।

उपर्युक्त वाक्यों में 'ऊपर' और 'यहाँ' शब्द 'चले जाइए' और 'रहता' क्रियाओं की स्थान-संबंधी विशेषता बता रहे हैं।

3. दिशावाचक क्रिया-विशेषण :- जो शब्द क्रिया की दिशा से सम्बद्ध विशेषता बताएँ, उन्हें दिशावाचक क्रिया-विशेषण कहते हैं।

जैसे :- इधर, उधर, किधर, सामने, ओर आदि।

अन्य उदाहरण :-
  • मेरी ओर देखो।
  • वह उधर मुड़ गया।

इन वाक्यों में 'ओर' तथा 'उधर' शब्द 'देखो' और 'मुड़ गया' क्रियाओं की दिशा-संबंधी विशेषता बता रहे हैं।

4. परिमाणवाचक क्रियाविशेषण :- जो शब्द क्रिया के परिमाण (मात्रा) से सम्बद्ध विशेषता प्रकट करें, उन्हें 'परिमाणवाचक क्रियाविशेषण' कहते है।

जैसे :- थोड़ा, पर्याप्त, जरा, खूब, अत्यन्त, तनिक, बिलकुल, स्वल्प, केवल, सर्वथा, अल्प आदि।

अन्य उदाहरण :-
  • वह कम बोलता है।
  • बहुत अधिक खाओगे, तो बीमार पड़ जाओगे।

यहाँ 'कम' और 'अधिक' शब्द 'बोलता' और 'खाओगे' क्रियाओं की परिमाण या मात्रा संबंधी विशेषता बता रहे हैं।

5. रीतिवाचक क्रियाविशेषण :- जो शब्द क्रिया का  ढंग बताते है उन्हें रीतिवाचक क्रियाविशेषण कहते है।

जैसे :- धीरे, जल्दी, ऐसे, वैसे, कैसे, मानो, ध्यानपूर्वक, सुखपूर्वक, इसलिए, सहसा आदि।

अन्य उदाहरण :-
  • सुनील मधुर बोलता है।
  • हरिण तेज दौड़ता है।

उपर्युक्त वाक्यों में 'मधुर' तथा 'तेज' शब्द क्रमशः 'बोलता' तथा 'दौड़ता' क्रियाओं की रीति या ढंग संबंधी विशेषता बता रहे हैं।

6. निश्चयवाचक क्रिया-विशेषण :- जो शब्द क्रिया में निश्चय संबंधी विशेषता को प्रकट करें, उन्हें निश्चयवाचक क्रिया-विशेषण कहते हैं।

जैसे :- जरूर, बेशक, अवश्य आदि।

अन्य उदाहरण :-
  • मैं वहाँ अवश्य जाऊँगा।
  • वह निःसंदेह सफल होगा।

इन वाक्यों में 'अवश्य' और 'निःसंदेह' निश्चयवाचक क्रिया-विशेषण हैं क्योंकि वे क्रमशः 'जाऊँगा' और 'सफल होगा' क्रियाओं के संबंध में निश्चय का बोध कराते हैं।

7. अनिश्चयवाचक क्रिया-विशेषण :- जो क्रिया विशेषण शब्द क्रिया में अनिश्चय संबंधी विशेषता को प्रकट करें, उन्हें अनिश्चयवाचक क्रिया-विशेषण कहते हैं।

जैसे :- कदाचित्, संभव, शायद आदि.

अन्य उदाहरण :-
  • वे शायद चले गए।
  • वह संभवतः आ चूका होगा।

इन वाक्यों में 'शायद' और 'संभवतः' शब्द क्रमशः'चले गए' और 'आ चूका होगा' क्रियाओं में अनिश्चय का बोध कराते हैं।

8. निषेधवाचक क्रिया-विशेषण :- जो शब्द क्रिया के करने या होने का निषेध प्रकट करें, उन्हें निषेधवाचक क्रिया-विशेषण कहते हैं।

जैसे :- न, ना, कभी नहीं आदि.

अन्य उदाहरण :-
  • वह कभी नहीं आया.
  • मैं कुछ नहीं कहूँगा.

इन वाक्यों में 'कभी नहीं' और 'नहीं' शब्द क्रमशः 'बैठो' और 'कहूँगा' क्रियाओं के निषेध का बोध कराते हैं।


          


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