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अनेकार्थक-शब्द

एक से अधिक अर्थ धारण करने वाले शब्दों को अनेकार्थक शब्द कहते है. एक से अधिक अर्थ प्रसंग के आधार पर होता है.




अनेकार्थक-शब्द

‘अनेकार्थक’ शब्द का अभिप्राय है, किसी शब्द के एक से अधिक अर्थ होना। बहुत से शब्द ऐसे है, जिनके एक से अधिक अर्थ होते है। ऐसे शब्दो का अर्थ भिन्न–भिन्न प्रयोग के आधार पर या प्रसंगानुसार ही स्पष्ट होता है। भाषा सौष्ठव की दृष्टि से इनका बड़ा महत्त्व है।

प्रमुख अनेकार्थक शब्द :

● अंक –नाटक के अंक, गोद, अध्याय, परिच्छेद, चिह्न, भाग्य, स्थान।

● अंचल – सिरा, प्रदेश, साड़ी का पल्लू।

● अचल – पहाड़, अटल, निश्चल।

● अंत – सिरा, समाप्ति, मृत्यु, भेद, रहस्य।

● अम्बर – आकाश, गगन, वस्त्र, बादल, इत्र, कपास।

● अक्षर – नष्ट न होने वाला, अ, आ आदि वर्ण, ईश्वर, शिव, मोक्ष, ब्रह्म, धर्म, गगन, सत्य, जीव।

● अर्क – सूर्य, आक का पौधा, विष्णु, काढ़ा, इन्द्र, स्फटिक, शराब, तांबा।

● अकाल – दुर्भिक्ष, अभाव, असमय।

● अज – ब्रह्मा, दशरथ के पिता, बकरा, शिव, जिसका जन्म न हो (ईश्वर)।

● अर्थ – धन, अभिप्राय, मतलब।

● अपवाद – निंदा, कलंक, नियम के बाहर।

● अमृत – जल, दूध, पारा, स्वर्ण, सुधा।

● अब्ज – शंख, कपूर, कमल, चन्द्रमा।

● कर – किरण, हाथ, सूँड, कार्यादेश, टैक्स।

● खर – गधा, तिनका, दुष्ट, एक राक्षस, तीक्ष्ण।

● गौ – गाय, नदी, बैल, इन्द्रिय, भूमि, दिशा, बाण, वज्र, सरस्वती, आँख, स्वर्ग, सूर्य।

● घन – बादल, भारी हथौड़ा, घना।

● जीवन – जल, प्राण, आजीविका, पुत्र, वायु।

● द्विज – पक्षी, ब्राह्मण, दाँत, चन्द्रमा, अंडज, प्राणी।

● नग – पर्वत, सूर्य, सर्प, नगीना, वृक्ष, संख्या।

● नाग – सर्प, हाथी,पर्वत, बादल।

● पतवार – कर्ण, कान, समकोण की बड़ी भुजा।

● पानी – जल, वन, मान, चमक, जीवन, लज्जा, वर्षा, स्वाभिमान, इज्जत।

● फल – लाभ, परिणाम, मेवा, प्रभाव, कर्मयोग, रसयुक्त।

● रस – स्वाद, सार, प्रेम, सुख, शरबत,रूप, स्वाद।

● मूक – गूँगा, चुप, विवश।

● वर – अच्छा, वरदान, श्रेष्ठ, उत्तम, पति (दुल्हा)।

● विधि – ब्रह्मा, कानून, पद्धति, तरीका, विधाता, व्यवस्था, युक्ति, राख, महिमामय, पुरुष।

● सारंग – पपीहा, कामदेव, राजहंस, सर्प, मेघ, हिरण, बादल, कोयल धनुष, चातक, भौरा, मोर, सोना, हंस, चन्द्रमा, बाज, सूर्य, सिंह, घोड़ा, हाथी।


  : अन्य अनेकार्थक शब्द :  

● अंग – शरीर का कोई अवयव, अंश, शाखा।

● अक्ष – धुरी, आँख, सूर्य, सर्प, रथ, मण्डल, ज्ञान, पहिया, कील।

● अतिथि – मेहमान, साधु, यात्री, अपरिचित व्यक्ति, अग्नि।

● अधर – निराधार, शून्य, निचला ओष्ठ, स्वर्ग, पाताल, मध्य, नीचा, पृथ्वी व आकाश के बीच का भाग।

● अरुण – लाल, सूर्य, सूर्य का सारथी, सिंदूर, सोना।

● अनन्त – सीमारहित, ब्रह्मा, विष्णु, शिव, शेषनाग, लक्ष्मण, बलराम, बाँह का आभूषण, आकाश, अन्तहीन।

● आराम – बगीचा, विश्राम, सुविधा, राहत, रोग का दूर होना।

● आदर्श – योग्य, नमूना, उदाहरण।

● आत्मा – बुद्धि, जीवात्मा, ब्रह्म, देह, पुत्र, वायु।

● आली – सखी, पंक्ति, रेखा।

● आतुर – विकल, रोगी, उत्सुक, अशक्त।

● इन्दु – चन्द्रमा, कपूर।

● ईश्वर – प्रभु, समर्थ, स्वामी, धनिक।

● उग्र – क्रूर, भयानक, कष्टदायक, तीव्र।

● उत्तर – जवाब, एक दिशा, बदला, पश्चाताप।

● उत्सर्ग – त्याग, दान, समाप्ति।

● उत्पात – शरारत, दंगा, हो-हल्ला।

● उपचार – उपाय, सेवा, इलाज, निदान।

● कंटक – काँटा, विघ्न, कीलक।

● कंचन – सोना, काँच, निर्मल, धन-दौलत।

● कनक – स्वर्ण, धतूरा, गेहूँ, वृक्ष, पलाश (टेसू)।

● कन्या – कुमारी लड़की, पुत्री, एक राशि।

● कल – मशीन, आराम, सुख, पुर्जा, मधुर ध्वनि, शान्ति, बीता हुआ दिन, आने वाला दिन।

● काल – समय, मृत्यु, यमराज, अकाल, मुहूर्त, अवसर, शिव, युग।

● काम – कार्य, नौकरी, सिलाई आदि धंधा, वासना, कामदेव, मतलब, कृति।

● किनारा – तट, सिरा, पार्श्व, हाशिया।

● कुल – वंश, जोड़, जाति, घर, गोत्र, सारा।

● कुंजर – हाथी, बाल।

● कूट – नीति, शिखर, श्रेणी, धनुष का सिरा।

● कोटि – करोड़, श्रेणी, धनुष का सिरा।

● क्षुद्र – नीच, कंजूस, छोटा, थोड़ा।

● खंड – टुकड़े करना, हिस्सोँ मेँ बाँटना, प्रत्याख्यान, विरोध।

● खग – पक्षी, बाण, देवता, चन्द्रमा, सूर्य, बादल।

● खल – दुष्ट, चुगलखोर, खरल, तलछट, धतूरा।

● खेचर – पक्षी, देवता, ग्रह।

● गंदा – मैला, अश्लील, बुरा।

● गण – समूह, मनुष्य, भूतप्रेत, शिव के अनुचर, दूत, सेना।

● गति – चाल, हालत, मोक्ष, रफ्तार।

● गहन – गहरा, घना, दुर्गम, जटिल।

● घट – घड़ा, हृदय, कम, शरीर, कलश, कुंभ राशि।

● चपला – लक्ष्मी, बिजली, चंचल स्त्री।

● चश्मा – ऐनक, झरना, स्रोत।

● चीर – वस्त्र, रेखा, पट्टी, चीरना।

● छन्द – पद, विशेष, जल, अभिप्राय, वेद।

● जलज – कमल, मोती, मछली, चंद्रमा, शंख, शैवाल, काई, जलजीव।

● जलद – बादल, कपूर।

● जलधर – बादल, समुद्र, जलाशय।

● जवान – सैनिक, योद्धा, वीर, युवा।

● जनक – पिता, मिथिला के राजा, उत्पन्न करने वाला।

● तंतु – सूत, धागा, रेशा, ग्राह, संतान, परमेश्वर।

● तट – किनारा, प्रदेश, खेत।

● तप – साधना, गर्मी, अग्नि, धूप।

● तम – अन्धकार, पाप, अज्ञान, गुण, तमाल वृक्ष।

● तरंग – स्वर लहरी, लहर, उमंग।

● तरणि – सूर्य, उद्धार।

● तात – पिता, भाई, बड़ा, पूज्य, प्यारा, मित्र, श्रद्धेय, गुरु।

● तारा – नक्षत्र, आँख की पुतली, बालि की पत्नी का नाम।

● तीर – किनारा, बाण, समीप, नदी तट।

● दक्षिण – दाहिना, एक दिशा, उदार, सरल।

● दर्शन – देखना, नेत्र, आकृति, दर्पण, दर्शन शास्त्र।

● दल – समूह, सेना, पत्ता, हिस्सा, पक्ष, भाग, चिड़ी।

● धन – सम्पत्ति, स्त्री, भूमि, नायिका, जोड़ मिलाना।

● धर्म – स्वभाव, प्राकृतिक गुण, कर्तव्य, संप्रदाय।

● धनंजय – वृक्ष, अर्जुन, अग्नि, वायु।

● निर्वाण – मोक्ष, मृत्यु, शून्य, संयम।

● निशाचर – राक्षस, उल्लू, प्रेत।

● निशान – ध्वजा, चिह्न।

● पक्ष – पंख, पांख, सहाय, ओर, शरीर का अर्द्ध भाग।

● पट – वस्त्र, पर्दा, दरवाजा, स्थान, चित्र का आधार।

● पत्र – चिट्ठी, पत्ता, रथ, बाण, शंख, पुस्तक का पृष्ठ।

● पद्म – कमल, सर्प विशेष, एक संख्या।

● पतंग – पतिँगा, सूर्य, पक्षी, नाव, उड़ाने का पतंग।

● पय – दूध, अन्न, जल।

● पयोधर – बादल, स्तन, पर्वत, गन्ना, तालाब।

● पुष्कर – तालाब, कमल, हाथी की सूँड, एक तीर्थ, पानी मद।

● पृष्ठ – पीठ, पीछे का भाग, पुस्तक का पेज।

● प्रत्यक्ष – आँखोँ के सामने, सीधा, साफ।

● प्रकृति – स्वभाव, वातावरण, मूलावस्था, कुदरत, धर्म, राज्य, खजाना, स्वामी, मित्र।

● प्रसाद – कृपा, अनुग्रह, हर्ष, नैवेद्य।

● प्राण – जीव, प्राणवायु, ईश्वर, ब्रह्म।

● बिजली – विद्युत, तड़ति, कान का एक गहना।

● भव – संसार, उत्पति, शंकर।

● भुवन – संसार, जल, लोग, चौदह की संख्या।

● भेद – रहस्य, प्रकार, भिन्नता, फूट, तात्पर्य, छेदन।

● मान – सम्मान, घमंड, रूठना, माप।

● मित्र – सूर्य, दोस्त, वरुण, अनुकूल, सहयोगी।

● मोह – प्यार, ममता, आसक्ति, मूर्च्छा, अज्ञान।

● यंत्र – उपकरण, बंदूक, बाजा, ताला।

● युक्त – जुड़ा हुआ, मिश्रित, नियुक्त, उचित।

● योग – मेल, लगाव, मन की साधना, ध्यान, शुभकाल, कुल जोड़।

● राग – प्रेम रंग, लाल रंग, संगीत की ध्वनि (राग)।

● रेणुका – धूल, पृथ्वी, परशुराम की माता।

● लक्ष्य – निशाना, उद्देश्य, लक्षणार्थ।

● वर्ण – अक्षर, रंग, रूप, भेद, चातुर्वर्ण्य (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य व शूद्र), जाति।

● वार – दिन, आक्रमण, प्रहार।

● वृत्ति – कार्य, स्वभाव, नीयत, व्यापार, जीविका, छात्रवृत्ति।

● विचार – ध्यान, राय, सलाह, मान्यता।

● विवेचन – तर्क-वितर्क, परीक्षण, सत्-असत् विचार, निरुपण।

● व्योम – आकाश, बादल, जल।

● शक्ति – ताकत, अर्थवत्ता, अधिकार, प्रकृति, माया, दुर्गा।

● शिव – भाग्यशाली, महादेव, शृगाल, देव, मंगल।

● श्री – लक्ष्मी, सरस्वती, सम्पत्ति, शोभा, कान्ति, कोयल, आदर सूचक शब्द।

● सर – अमृत, दूध, पानी, तालाब, गंगा, मधु, पृथ्वी।

● सरल – सीधा, ईमानदार, खरा, आसान।

● साधन – उपाय, उपकरण, सामान, पालन, कारण।

● सार – तत्त्व, निष्कर्ष, रस, रसा, लाभ, धैर्य।

● सिरा – चोटी, अंत, समाप्ति।

● सुधा – अमृत, जल, दुग्ध।

● सैँधव – घोड़ा, नमक, सिन्धुवासी।

● हंस – जीव, सूर्य, श्वेत, योगी, मुक्त पुरुष, ईश्वर, सरोवर का पक्षी (मराल पक्षी)।

● हय – घोड़ा, इन्द्र।

● हरि – हाथी, विष्णु, पहाड़, सिंह, घोड़ा, सर्प, वानर, मेढक, यमराज, ब्रह्मा, शिव, कोयल, किरण, हंस, इन्द्र, वानर, कृष्ण, कामदेव, हवा, चन्द्रमा।

● हस्ती – हाथी, अस्तित्व, हैसियत।

● हित – भलाई, लोभ।

● हीन – दीन, रहित, निकृष्ट, थोड़ा।

● क्षेत्र – तीर्थ, खेत, शरीर, सदाव्रत देने का स्थान।


          

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