भारत का संविधान
S.
no.
|
अनुच्छेद
|
विवरण
|
भाग 1 : संघ और उसका राज्य क्षेत्र (
1-4 )
|
||
1.
|
1
|
संघ
का नाम और राज्य क्षेत्र
|
2.
|
2
|
नए
राज्यों का प्रवेश या स्थापना
|
3.
|
2क
|
[निरसन]
|
4.
|
3
|
नए
राज्यों का निर्माण और वर्तमान राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिवर्तन
|
5.
|
4
|
पहली
अनुसूची और चौथी अनुसूचियों के संशोधन तथा अनुपूरक, और पारिणामिक विषयों का उपबंध करने
के लिए अनुच्छेद 2 और अनुच्छेद 3 के अधीन बनाई गई विधियां
|
भाग 2 :
नागरिकता ( 5-11 )
|
||
6.
|
5
|
संविधान
के प्रारंभ पर नागरिकता
|
7.
|
6
|
पाकिस्तान
से भारत को प्रव्रजन करने वाले कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार
|
8.
|
7
|
पाकिस्तान
को प्रव्रजन करने वाले कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार
|
9.
|
8
|
भारत
के बाहर रहने वाले भारतीय उद्भव के कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार
|
10.
|
9
|
विदेशी
राज्य की नागरिकता, स्वेच्छा से अर्जित
करने वाले व्यक्तियों का नागरिक न होना
|
11.
|
10
|
नागरिकता के अधिकारों को बना रहना
|
12.
|
11
|
संसद
द्वारा नागरिकता के अधिकार का विधि द्वारा विनियमन किया जाना
|
भाग 3 :
मूल अधिकार ( 12-35 )
|
||
साधारण
|
||
13.
|
12
|
परिभाषा
|
14.
|
13
|
मूल
अधिकारों से असंगत या उनका अल्पीकरण करने वाली विधियां
|
समता का अधिकार ( 14-18 )
|
||
15.
|
14
|
विधि
के समक्ष समानता
|
16.
|
15
|
धर्म, मूलवंश, जाति,
लिंग या जन्म स्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध
|
17.
|
16
|
लोक नियोजन के विषय में अवसर की समानता
|
18.
|
17
|
अस्पृश्यता
का अंत
|
19.
|
18
|
उपाधियों
का अंत
|
स्वतंत्रता का अधिकार ( 19-22 )
|
||
20.
|
19
|
वाक-स्वतंत्रता आदि विषयक कुछ अधिकारों का संरक्षण
|
21.
|
20
|
अपराधों
के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण
|
22.
|
21
|
प्राण
और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण
|
23.
|
22
|
कुछ
दशाओं में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण
|
शोषण के विरुद्ध अधिकार ( 23-24 )
|
||
24.
|
23
|
मानव
और दुर्व्यापार और बलात्श्रम का प्रतिषेध
|
25.
|
24
|
कारखानों
आदि में बालकों के नियोजन का प्रतिषेध
|
धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार ( 25-28
)
|
||
26.
|
25
|
अंत:करण
की और धर्म की अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता
|
27.
|
26
|
धार्मिक
कार्यों के प्रबंध की स्वतंत्रता
|
28.
|
27
|
किसी
विशिष्ट धर्म की अभिवृद्धि के लिए करों के संदाय के बारे में स्वतंत्रता
|
29.
|
28
|
कुछ
शिक्षा संस्थाओं में धार्मिक शिक्षा या धार्मिक उपासना में उपस्थित होने के
बारे में स्वतंत्रता
|
संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार (
29-30 )
|
||
30.
|
29
|
अल्पसंख्यक-वर्गों
के हितों का संरक्षण
|
31.
|
30
|
शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यक-वर्गों
का अधिकार
|
32.
|
31
|
[निरसन]
|
कुछ विधियों की व्यावृत्ति ( 31क-31घ
)
|
||
33.
|
31क
|
संपदाओं
आदि के अर्जन के लिए उपबंध करने वाली विधियों की व्यावृत्ति
|
34.
|
31ख
|
कुछ अधिनियमों और विनियमों का विधिमान्यकरण
|
35.
|
31ग
|
कुछ
निदेशक तत्वों को प्रभाव करने वाली विधियों की व्यावृत्ति
|
36.
|
31घ
|
[निरसन]
|
सांविधानिक उपचारों का अधिकार ( 32-35
)
|
||
37.
|
32
|
इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों को प्रवर्तित कराने
के लिए उपचार
|
38.
|
32क
|
[निरसन]
|
39.
|
33
|
इस
भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों का बलों आदि को लागू होने में, उपांतरण करने की संसद की शक्ति
|
40.
|
34
|
जब किसी क्षेत्र में सेना विधि प्रवृत्त है तब इस भाग
द्वारा प्रदत्त अधिकारों पर निर्बन्धन
|
41.
|
35
|
इस
भाग के उपबंधों को प्रभावी करने का विधान
|
भाग 4 :
राज्य की नीति के निदेशक तत्व ( 36-51 )
|
||
42.
|
36
|
परिभाषा
|
43.
|
37
|
इस
भाग में अंतर्विष्ट तत्वों का लागू होना
|
44.
|
38
|
राज्य
लोक कल्याण की अभिवृद्धि के लिए सामाजिक व्यवस्था बनाएगा
|
45.
|
39
|
राज्य
द्वारा अनुसरणीय कुछ नीति तत्व
|
46.
|
39क
|
समान
न्याय और नि:शुल्क विधिक सहायता
|
47.
|
40
|
ग्राम
पंचायतों का संगठन
|
48.
|
41
|
कुछ
दशाओं में काम, शिक्षा और लोक सहायता
पाने का अधिकार
|
49.
|
42
|
काम
की न्यायसंगत और मानवोचित दशाओं का तथा प्रसूति सहायता का उपबंध
|
50.
|
43
|
कर्मकारों
के लिए निर्वाह मजदूरी आदि
|
51.
|
43क
|
उद्योगों
के प्रबंध में कार्मकारों का भाग लेना
|
52.
|
44
|
नागरिकों
के लिए एक समान सिविल संहिता
|
53.
|
45
|
बालकों
के लिए नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का उपबंध
|
54.
|
46
|
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य दुर्बल वर्गों के शिक्षा और अर्थ संबंधी
हितों की अभिवृद्धि
|
55.
|
47
|
पोषाहार स्तर और जीवन स्तर को ऊंचा करने तथा लोक स्वास्थ्य
को सुधार करने का राज्य का कर्तव्य
|
56.
|
48
|
कृषि
और पशुपालन का संगठन
|
57.
|
48क
|
पर्यावरण
का संरक्षण और संवर्धन और वन तथा वन्य जीवों की रक्षा
|
58.
|
49
|
राष्ट्रीय
महत्व के संस्मारकों, स्थानों और वस्तुओं का
संरक्षण
|
59.
|
50
|
कार्यपालिका
से न्यायपालिका का पृथक्करण
|
60.
|
51
|
अंतरराष्ट्रीय
शांति और सुरक्षा की अभिवृद्धि
|
भाग 4क : मूल कर्तव्य ( 51क )
|
||
61.
|
51क
|
मूल कर्तव्य
|
_
|
I
|
संविधान
का पालन करे और उसके आदर्शों,संस्थाओं,
राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करे
|
_
|
II
|
स्वतंत्रता
के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में
संजोए रखे व उनका पालन करे
|
_
|
III
|
भारत
की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें
|
_
|
IV
|
देश
की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें
|
_
|
V
|
भारत
के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर
आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के
सम्मान के विरुद्ध हों
|
_
|
VI
|
हमारी
सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें
|
_
|
VII
|
प्राकृतिक
पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र
के प्रति दयाभाव रखें
|
_
|
VIII
|
वैज्ञानिक
दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें
|
_
|
IX
|
सार्वजनिक
सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें
|
_
|
X
|
व्यक्तिगत
और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें
जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले
|
_
|
XI
|
यदि
आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो छह वर्ष से चौदह वर्ष आयु वाले अपने या
प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें (इसे 86वें संविधान
संशोधन,2002 द्वारा जोडा गया)
|
भाग 5 :
संघ ( 52-151 )
|
||
अध्याय 1
|
||
कार्यपालिका राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति
( 52-73 )
|
||
62.
|
52
|
भारत
के राष्ट्रपति
|
63.
|
53
|
संघ
की कार्यपालिका शक्ति
|
64.
|
54
|
राष्ट्रपति
का निर्वाचन
|
65.
|
55
|
राष्ट्रपति
के निर्वाचन की रीति
|
66.
|
56
|
राष्ट्रपति
की पदावधि
|
67.
|
57
|
पुनर्निर्वाचन
के लिए पात्रता
|
68.
|
58
|
राष्ट्रपति
निर्वाचित होने के लिए अर्हताएं
|
69.
|
59
|
राष्टप्रति
के पद के लिए शर्तें
|
70.
|
60
|
राष्ट्रपति
द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
|
71.
|
61
|
राष्ट्रपति
पर महाभियोग चलाने की प्रकिया
|
72.
|
62
|
राष्ट्रपति
के पद में रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन करने का समय और आकस्मिक रिक्ति को
भरने के लिए निर्वाचित व्यक्ति की पदावधि
|
73.
|
63
|
भारत
का उप राष्ट्रपति
|
74.
|
64
|
उप
राष्ट्रपति का राज्य सभा का पदेन सभापति होना
|
75.
|
65
|
राष्ट्रपति
के पद में आकस्मिक रिक्ति के दौरान या उसकी अनुपस्थिति में उप राष्टप्रति का
राष्ट्रपति के रूप में कार्य करना या उसके कृत्यों का निर्वहन
|
76.
|
66
|
उप
राष्ट्रपति का निर्वाचन
|
77.
|
67
|
उप राष्ट्रपति की पदावधि
|
78.
|
68
|
उप
राष्ट्रपति के पद में रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन करने का समय और आकस्मिक
रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचित व्यक्ति की पदावधि
|
79.
|
69
|
उप
राष्ट्रपति द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
|
80.
|
70
|
अन्य आकस्मिकताओं में राष्ट्रपति के कृत्यों का
निर्वहन
|
81.
|
71
|
राष्ट्रपति
या उप राष्ट्रपति के निर्वाचन से संबंधित या संसक्त विषयत
|
82.
|
72
|
क्षमता आदि की और कुछ मामलों में दंडादेश के निलंबन, परिहार या लघुकरण की राष्ट्रपति की
शक्ति
|
83.
|
73
|
संघ
की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार_मंत्रि-परिषद
|
मंत्रिपरिषद ( 74-75 )
|
||
84.
|
74
|
राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देने के लिए
मंत्रि-परिषद
|
85.
|
75
|
मंत्रियों
के बारे में अन्य उपबंध
|
भारत का महान्यायवादी ( 76 )
|
||
86.
|
76
|
भारत
का महान्यायवादी
|
सरकारी कार्य का संचालन ( 77-78 )
|
||
87.
|
77
|
भारत
सरकार के कार्य का संचालन
|
88.
|
78
|
राष्ट्रपति
को जानकारी देने आदि के संबंध में प्रधानमंत्री के कर्तव्य
|
अध्याय 2 : संसद ( 79-122 )
|
||
साधारण
|
||
89.
|
79
|
संसद
का गठन
|
90.
|
80
|
राज्य
सभा की संरचना
|
91.
|
81
|
लोक सभा की संरचना
|
92.
|
82
|
प्रत्येक जनगणना के पश्चात पुन: समायोजन
|
93.
|
83
|
संसद
के सदनों की अवधि
|
94.
|
84
|
संसद की सदस्यता के लिए अर्हता
|
95.
|
85
|
संसद
के सत्र, सत्रावसान और विघटन
|
96.
|
86
|
सदनों
के अभिभाषण का और उनको संदेश भेजने का राष्टप्रति का अधिकार
|
97.
|
87
|
राष्ट्रपति
का विशेष अभिभाषण
|
98.
|
88
|
सदनों के बारे में मंत्रियों और महान्यायवादी के
अधिकार
|
संसद के अधिकारी ( 89-98 )
|
||
99.
|
89
|
राज्य सभा का सभापति और उप सभापति
|
100.
|
90
|
उप
सभापति का पद रिक्त होना, पदत्याग
और पद से हटाया जाना
|
101.
|
91
|
सभापति के पद के कर्तव्यों का पालन करने या सभापति
के रूप में कार्य करने की उप सभापति या अन्य व्यक्ति की शक्ति
|
102.
|
92
|
जब सभापति या उप सभापति को पद से हटाने का कोई संकल्प
विचाराधीन है तब उसका पीठासीन न होना
|
103.
|
93
|
लोक
सभा और अध्यक्ष और उपाध्यक्ष
|
104.
|
94
|
अध्यक्ष
और उपाध्यक्ष का पद रिक्त होना, पद त्याग और पद से हटाया जाना
|
105.
|
95
|
अध्यक्ष
के पद के कर्तव्यों को पालन करने या अध्यक्ष के रूप में कार्य करने की उपाध्यक्ष
या अन्य व्यक्ति की शक्ति
|
106.
|
96
|
जब अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को पद से हटाने का कोई
संकल्प विचाराधीन है तब उसका पीठासीन न होना
|
107.
|
97
|
सभापति
और उप सभापति तथा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के वेतन और भत्ते
|
108.
|
98
|
संसद
का सचिवालय
|
कार्य संचालन ( 99-100 )
|
||
109.
|
99
|
सदस्यों
द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
|
110.
|
100
|
सदनों
में मतदान, रिक्तियों के होते हुए
भी सदनों की कार्य करने की शक्ति और गणपूर्ति
|
सदस्यों की निरर्हताएं ( 101-104 )
|
||
111.
|
101
|
स्थानों
का रिक्त होना
|
112.
|
102
|
सदस्यता
के लिए निरर्हताएं
|
113.
|
103
|
सदस्यों
की निरर्हताओं से संबंधित प्रश्नों पर विनिश्चय
|
114.
|
104
|
अनुच्छेद
99 के अधीन शपथ लेने या प्रतिज्ञान करने से पहले या निरर्हित किए जाने पर बैठने
और मत देने के लिए शास्ति
|
संसद और उसके सदस्यों की शक्तियां, विशेषाधिकार और उन्मुक्तियां (
105-106 )
|
||
115.
|
105
|
संसद
के सदनों की तथा उनके सदस्यों और समितियों की शक्तियां, विशेषाधिकार आदि
|
116.
|
106
|
सदस्यों
के वेतन और भत्ते
|
विधायी प्रक्रिया ( 107-111 )
|
||
117.
|
107
|
विधेयकों
के पुर: स्थापन और पारित किए जाने के संबंध में उपलबंध
|
118.
|
108
|
कुछ
दशाओं में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक
|
119.
|
109
|
धन
विधेयकों के संबंध में विशेष प्रक्रिया
|
120.
|
110
|
"धन
विधेयक" की परिभाषा
|
121.
|
111
|
विधेयकों
पर अनुमति
|
वित्तीय विषयों के संबंध में प्रक्रिया
( 112-117 )
|
||
122.
|
112
|
वार्षिक
वित्तीय विवरण
|
123.
|
113
|
संसद में प्राक्कलनों के संबंध में प्रक्रिया
|
124.
|
114
|
विनियोग
विधेयक
|
125.
|
115
|
अनुपूरक, अतिरिक्त या अधिक अनुदान
|
126.
|
116
|
लेखानुदान, प्रत्ययानुदान और अपवादानुदान
|
127.
|
117
|
वित्त विधेयकों के बारे में विशेष उपबंध
|
साधारणतया प्रक्रिया ( 118-122 )
|
||
128.
|
118
|
प्रक्रिया
के नियम
|
129.
|
119
|
संसद
में वित्तीय कार्य संबंधी प्रक्रिया का विधि द्वारा विनियमन
|
130.
|
120
|
संसद
में प्रयोग की जाने वाली भाषा
|
131.
|
121
|
संसद में चर्चा पर निर्बंधन
|
132.
|
122
|
न्यायालयों
द्वारा संसद की कार्यवाहियों की जांच न किया जाना
|
अध्याय 3 : राष्ट्रपति की विधायी शक्तियां
( 123 )
|
||
133.
|
123
|
संसद
के विश्रांतिकाल में अध्यादेश प्रख्यापित करने की राष्ट्रपति की शक्ति
|
अध्याय 4 : संघ की न्यायपालिका (
124-147 )
|
||
134.
|
124
|
उच्चतम न्यायालय की स्थापना और गठन
|
135.
|
125
|
न्यायाधीशों के वेतन आदि
|
136.
|
126
|
कार्यकारी
मुख्य न्यायमूर्ति की नियुक्ति
|
137.
|
127
|
तदर्थ न्यायाधीशों की नियुक्ति
|
138.
|
128
|
उच्चतम न्यायालय की बैठकों में सेवानिवृत्त न्यायाधीशों
की उपस्थिति
|
139.
|
129
|
उच्चतम
न्यायालय का अभिलेख न्यायालय होना
|
140.
|
130
|
उच्चतम न्यायालय का स्थान
|
141.
|
131
|
उच्चतम न्यायालय की आरंभिक अधिकारिता
|
142.
|
131क
|
[निरसन]
|
143.
|
132
|
कुछ मामलों में उच्च न्यायालयों से अपीलों में उच्चतम
न्यायालय की अपीली अधिकारिता
|
144.
|
133
|
उच्च
न्यायालयों में सिविल विषयों से संबंधित अपीलों में उच्चतम न्यायालय की अपीली
अधिकारिता
|
145.
|
134
|
दांडिक विषयों में उच्चतम न्यायालय की अपीली
अधिकारिता
|
146.
|
134क
|
उच्चतम न्यायालय में अपील के लिए प्रमाणपत्र
|
147.
|
135
|
विद्यमान
विधि के अधीन फेडरल न्यायालय की अधिकारिता और शक्तियों का उच्चतम न्यायालय
द्वारा प्रयोक्तव्य होना
|
148.
|
136
|
अपील के लिए उच्चतम न्यायालय की विशेष इजाजत
|
149.
|
137
|
निर्णयों
या आदेशों का उच्चतम न्यायालयों द्वारा पुनर्विलोकन
|
150.
|
138
|
उच्चतम न्यायालय की अधिकारिता की वृद्धि
|
151.
|
139
|
कुछ
रिट निकालने की शक्तियों का उच्चतम न्यायालय को प्रदत्त किया जाना
|
152.
|
139क
|
कुछ मामलों का अंतरण
|
153.
|
140
|
उच्चतम न्यायालय की आनुषंगिक शक्तिया
|
154.
|
141
|
उच्चतम न्यायालय द्वारा घोषित विधि का सभी न्यायालयों
पर आबद्धकर होना
|
155.
|
142
|
उच्चतम न्यायालय की डिक्रियों और आदेशों का प्रवर्तन
और प्रकटीकरण आदि के बारे में आदेश
|
156.
|
143
|
उच्चतम न्यायालय से परामर्श करने की राष्ट्रपति की
शक्ति
|
157.
|
144
|
सिविल और न्यायिक प्राधिकारियों द्वारा उच्चतम न्यायालय
|
158.
|
144क
|
[निरसन]
|
159.
|
145
|
न्यायालय के नियम आदि
|
160.
|
146
|
उच्चतम न्यायालय के अधिकारी और सेवक तथा व्यय
|
161.
|
147
|
निर्वचन
|
अध्याय 5 : भारत के नियंत्रक-महा
लेखापरीक्षक ( 148-151 )
|
||
162.
|
148
|
भारत
का नियंत्रक - महा लेखापरीक्षक
|
163.
|
149
|
नियंत्रक
महा लेखापरीक्षक के कर्तव्य और शक्तियां
|
164.
|
150
|
संघ
के और राज्यों के लेखाओं का प्ररूप
|
165.
|
151
|
संपरीक्षा प्रतिवेदन
|
भाग 6 : राज्य ( 152-237 )
|
||
अध्याय 1 : साधारण
|
||
166.
|
152
|
परिभाषा
|
अध्याय 2 : कार्यपालिका ( 153-167 )
|
||
राज्यपाल ( 153-162 )
|
||
167.
|
153
|
राज्यों
के राज्यपाल
|
168.
|
154
|
राज्य
की कार्यपालिका शक्ति
|
169.
|
155
|
राज्यपाल
की नियुक्ति
|
170.
|
156
|
राज्य
की पदावधि
|
171.
|
157
|
राज्यपाल नियुक्त होने के लिए अर्हताएँ
|
172.
|
158
|
राज्यपाल के पद के लिए शर्तें
|
173.
|
159
|
राज्यपाल
द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
|
174.
|
160
|
कुछ
आकस्मिकताओं में राज्यपाल के कृत्यों का निर्वहन
|
175.
|
161
|
क्षमा
आदि की और कुछ मामलों में दंडादेश के निलंबन, परिहार या लघुकरण की राज्यपाल की शक्ति
|
176.
|
162
|
राज्य
की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार
|
मंत्रि परिषद ( 163-164 )
|
||
177.
|
163
|
राज्यपाल
को सहायता और सलाह देने के लिए मंत्रि परिषद
|
178.
|
164
|
मंत्रियों
के बारे में अन्य उपबंध_राज्य का महाविधवक्ता
|
राज्य का महाविधवक्ता ( 165 )
|
||
179.
|
165
|
राज्य
का महाविधवक्ता
|
सरकारी कार्य का संचालन ( 166-167 )
|
||
180.
|
166
|
राज्य
की सरकार के कार्य का संचालन
|
181.
|
167
|
राज्यपाल
को जानकारी देने आदि के संबंध में मुख्यमंत्री के कर्तव्य
|
अध्याय 3 : राज्य का विधान मंडल ( 168-212 )
|
||
साधारण ( 168-177 )
|
||
182.
|
168
|
राज्यों के विधान - मंडलों का गठन
|
183.
|
169
|
राज्यों में विधान परिषदों का उत्सादन या सृजन
|
184.
|
170
|
विधान
सभाओं की संरचना
|
185.
|
171
|
विधान
परिषदों की संरचना
|
186.
|
172
|
राज्यों
के विधान-मंडलों की अवधि
|
187.
|
173
|
राज्य
के विधान-मंडल की सदस्यता के लिए अर्हता
|
188.
|
174
|
राज्य
के विधान-मंडल के सत्र, सत्रावहसान और विघटन
|
189.
|
175
|
सदन
और सदनों में अभिभाषण का और उनको संदेश भेजने का राज्यपाल का अधिकार
|
190.
|
176
|
राज्यपाल का विशेष अभिभाषण
|
191.
|
177
|
सदनों के बारे में मंत्रियों और महाधिवक्ता के
अधिकार
|
राज्य के विधान-मंडल के अधिकारी (
178-187 )
|
||
192.
|
178
|
विधान
सभा का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष
|
193.
|
179
|
अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद रिक्त होना, पदत्याग और पद से हटाया जाना
|
194.
|
180
|
अध्यक्ष
के पद के कर्तव्यों का पालन करने या अध्यक्ष के रूप में कार्य करने की उपाध्यक्ष
या अन्य व्यक्ति की शाक्ति
|
195.
|
181
|
जब अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को पद से हटाने का कोई
संकल्प विचाराधीन है तब उसका पीठासीन न होना
|
196.
|
182
|
विधान परिषद का सभापति और उप सभापति
|
197.
|
183
|
सभापति
और उप सभापति का पद रिक्त होना, पदत्याग और पद से हटाया जाना
|
198.
|
184
|
सभापति के पद के कर्तव्यों का पालन करने या सभापति
के रूप में कार्य करने की उप सभापति या अन्य व्यक्ति की शक्ति
|
199.
|
185
|
जब सभापति या उप सभापति को पद से हटाने का कोई संकल्प
विचाराधीन है तब उसका पीठासीन न होना
|
200.
|
186
|
अध्यक्ष और उपाध्यक्ष तथ सभापति और उप सभापति के
वेतन और भत्ते
|
201.
|
187
|
राज्य के विधान मंडल का सचिवालय
|
कार्य संचालन ( 188-189 )
|
||
202.
|
188
|
सदस्यों द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
|
203.
|
189
|
सदनों में मतदान, रिक्तियों के होते हुए भी सदनों की कार्य करने की शक्ति और गणपूर्ति
|
सदस्यों की निरर्हताएं ( 190-193 )
|
||
204.
|
190
|
स्थानों
का रिक्त होना
|
205.
|
191
|
सदस्यता के लिए निरर्हताएं
|
206.
|
192
|
सदस्यों की निरर्हताओं से संबंधित प्रश्नों पर
विनिश्चय
|
207.
|
193
|
अनुच्छेद 188 के अधीन शपथ लेने या प्रतिज्ञा करने से पहले या अर्हित न होते हुए या
निरर्हित किए जाने पर बैठने और मत देने के लिए शास्ति
|
राज्यों के विधान-मंडलों और उनके सदस्यों
की शक्तियां, विशेषाधिकार और उन्मुक्तियां
|
||
208.
|
194
|
विधान-मंडलों के सदनों की तथा सदस्यों और समितियों
की शक्तियां, विशेषधिकार आदि
|
209.
|
195
|
सदस्यों के वेतन और भत्ते
|
विधायी प्रक्रिया ( 196-201 )
|
||
210.
|
196
|
विधेयकों के पुर: स्थापन और पारित किए जाने के संबंध
में उपबंध
|
211.
|
197
|
धन
विधेयकों से भिन्न विधेयकों के बारे में विधान परिषद की शक्तियों पर निर्बंधन
|
212.
|
198
|
धन विधेयकों के संबंध में विशेष प्रक्रिया
|
213.
|
199
|
"धन विधेयक" की परिभाषा
|
214.
|
200
|
विधेयकों
पर अनुमति
|
215.
|
201
|
विचार के लिए आरक्षित विधेयक
|
वित्तीय विषयों के संबंध में प्रक्रिया
( 202-207 )
|
||
216.
|
202
|
वार्षिक वित्तीय विवरण
|
217.
|
203
|
विधान-मंडल में प्राक्कलनों के संबंध में प्रक्रिया
|
218.
|
204
|
विनियोग
विधेयक
|
219.
|
205
|
अनुपूरक, अतिरिक्त या अधिक अनुदान
|
220.
|
206
|
लेखानुदान, प्रत्ययानुदान और अपवादानुदान
|
221.
|
207
|
वित्त
विधेयकों के बारे में विशेष उपबंध
|
साधारणतया प्रक्रिया ( 208-212 )
|
||
222.
|
208
|
प्रक्रिया के नियम
|
223.
|
209
|
राज्य के विधान-मंडल में वित्तीय कार्य संबंधी
प्रक्रिया का विधि द्वारा विनियमन
|
224.
|
210
|
विधान मंडल में प्रयोग की जाने वाली भाषा
|
225.
|
211
|
विधान-मंडल
में चर्चा पर निर्बंधन
|
226.
|
212
|
न्यायालयों द्वारा विधन मंडल की कार्यवाहियों की
जांच न किया जाना
|
अध्याय 4 : राज्यपाल की विधायी शाक्ति ( 213 )
|
||
227.
|
213
|
विधान मंडल के विश्रांतिकाल में अध्यादेश प्रख्याति
करने की राज्यपाल की शक्ति
|
अध्याय 5 : राज्यों के उच्च न्यायालय ( 214-232 )
|
||
228.
|
214
|
राज्यों के लिए उच्च न्यायालय
|
229.
|
215
|
उच्च
न्यायालयों का अभिलेख न्यायालय होना
|
230.
|
216
|
उच्च
न्यायालयों का गठन
|
231.
|
217
|
उच्च
न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति और उसके पद की शर्तें
|
232.
|
218
|
उच्चतम
न्यायालय से संबंधित कुछ उपबंधों का उच्च न्यायालयों का लागू होना
|
233.
|
219
|
उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों द्वारा शपथ या
प्रतिज्ञान
|
234.
|
220
|
स्थायी न्यायाधीश रहने के पश्चात विधि-व्यवसाय पर
निर्बंधन
|
235.
|
221
|
न्यायाधीशों
के वेतन आदि
|
236.
|
222
|
किसी
न्यायाधीश का एक उच्च न्यायालय से दूसरे उच्च न्यायालय को अंतरण
|
237.
|
223
|
कार्यकारी मुख्य न्यायमूर्ति की नियुक्ति
|
238.
|
224
|
अपर
और कार्यकारी न्यायाधीशों की नियुक्ति
|
239.
|
224क
|
उच्च न्यायालयों की बैठकों में सेवानिवृत्त न्यायाधीशों
की नियुक्ति
|
240.
|
225
|
विद्यमान उच्च न्यायालयों की अधिकारिता
|
241.
|
226
|
कुछ
रिट निकालने की उच्च न्यायालय की शक्ति
|
242.
|
226क
|
[निरसन]
|
243.
|
227
|
सभी
न्यायालयों के अधीक्षण की उच्च न्यायालय की शक्ति
|
244.
|
228
|
कुछ मामलों का उच्च न्यायालय को अंतरण
|
245.
|
228क
|
[निरसन]
|
246.
|
229
|
उच्च न्यायालयों के अधिकारी और सेवक तथा व्यय
|
247.
|
230
|
उच्च
न्यायालयों की अधिकारिता का संघ राज्य क्षेत्रों पर विस्तार
|
248.
|
231
|
दो
या अधिक राज्यों के लिए एक ही उच्च न्यायालय की स्थापना
|
249.
|
232
|
[निरसन]
|
अध्याय 6 : अधीनस्थ न्यायालय ( 233-238 )
|
||
250.
|
233
|
जिला
न्यायाधीशों की नियुक्ति
|
251.
|
233क
|
कुछ जिला न्यायाधीशों की नियुक्तियों का और उनके
द्वारा किए गए निर्णयों आदि का विधिमान्यकरण
|
252.
|
234
|
न्यायिक सेवा में जिला न्यायाधीशों से भिन्न व्यक्तियों
की भर्ती
|
253.
|
235
|
अधीनस्थ न्यायालयों पर नियंत्रण
|
254.
|
236
|
निर्वचन
|
255.
|
237
|
कुछ वर्ग या वर्गों के मजिस्ट्रेटों पर इस अध्याय
के उपबंधों का लागू होना
|
265.
|
238
|
[निरसन]
|
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