क्रिया के जिस रूप से कार्य करने या होने के समय का ज्ञान होता है उसे 'काल' कहते है।
काल
क्रिया के जिस रूप से कार्य करने या होने के समय का ज्ञान होता है उसे 'काल' कहते है।
जैसे :–
- गीता ने पत्र लिखा।
- गीता पत्र लिखती है।
- गीता पत्र लिखेगी।
ऊपर लिखे तीनों वाक्यों में ‘लिखना’ क्रिया आई है.
पहले वाक्य में ‘लिखा’ क्रिया बीते हुए समय का ज्ञान कराती है.
दूसरे वाक्य में ‘लिखती है’ क्रिया वर्तमान समय का बोध कराती है.
तीसरे वाक्य में ‘लिखेगी’ क्रिया आगे आने वाले समय का ज्ञान करा रही है.
- 1. भूतकाल
- 2. वर्तमान काल
- 3. भविष्यत काल
1. भूतकाल :- क्रिया के जिस रूप से बीते हुए समय (अतीत) में कार्य संपन्न होने का बोध हो उसे भूतकाल कहते हैँ।
जैसे :–
- अमन ने पुस्तक पढ़ा।
- अमन पुस्तक पढ़ रहा था।
- अमन पुस्तक पढ़ चुका था।
- अमन ने पुस्तक पढ़ ली होगी।
ऊपर लिखे चारों वाक्यों में ‘पढ़ना’ क्रिया आई है और चारो वाक्यों में इस क्रिया के अलग–अलग रूप है। चारों वाक्यों को पढ़ने से मालूम होता है कि ‘पढ़ना’ क्रिया का समय भूतकाल में समाप्त हो गया।
- A. सामान्य भूतकाल
- B. आसन्न भूतकाल
- C. अपूर्ण भूतकाल
- D. पूर्ण भूतकाल
- E. संदिग्ध भूतकाल
- F. हेतुहेतुमद भूतकाल
जैसे :–
- बच्चा गया।
- श्याम ने पत्र लिखा।
- कमल आया।
जैसे :–
- बच्चा आया है।
- श्याम ने पत्र लिखा है।
- कमल गया है।
जैसे :–
- बच्चा आ रहा था।
- श्याम पत्र लिख रहा था।
- कमल जा रहा था।
जैसे :–
- श्याम ने पत्र लिखा था।
- बच्चा आया था।
- कमल गया था।
जैसे :–
- बच्चा आया होगा।
- श्याम ने पत्र लिखा होगा।
- कमल गया होगा।
जैसे :–
- यदि श्याम ने पत्र लिखा होता तो मैं अवश्य आता।
- यदि वर्षा होती तो फसल अच्छी होती।
2. वर्तमान काल :- क्रिया के जिस रूप से कार्य के वर्तमान समय मेँ होने का ज्ञान हो, उसे वर्तमान काल कहते हैँ।
जैसे :–
- वंदना गीत गाती है।
- वंदना गीत गा रही है।
- वंदना गीत गाती होगी।
- वंदना गीत गा चुकी होगी।
ऊपर लिखे सभी वाक्यों में ‘गाना’ क्रिया वर्तमान समय में हो रही है।
- A. सामान्य वर्तमानकाल
- B. अपूर्ण वर्तमानकाल
- C. पूर्ण वर्तमानकाल
- D. संदिग्ध वर्तमानकाल
- E. संभाव्य वर्तमानकाल
- F. हेतुहेतुमद वर्तमानकाल
A. सामान्य वर्तमानकाल :- क्रिया के जिस रूप से यह प्रकट हो कि कार्य का समय वर्तमान में है, न कार्य के अपूर्ण होने का संकेत मिले न संदेह का, वहाँ सामान्य वर्तमान होता है।
जैसे :–
- बच्चा रोता है।
- श्याम पत्र लिखता है।
- कमल आता है।
जैसे :–
- बच्चा रो रहा है।
- श्याम पत्र लिख रहा है।
- कमल आ रहा है।
C. पूर्ण वर्तमानकाल :- क्रिया के जिस रूप से यह पता चलता है कि कार्य वर्तमानकाल में पूरा हो चूका है उसे पूर्ण वर्तमानकाल कहते हैं।
जैसे :-
- वह आया है।
- सीता ने पुस्तक पढ़ी है।
D. संदिग्ध वर्तमानकाल :- क्रिया के जिस रूप से वर्तमान में कार्य के होने में संदेह का बोध हो वहाँ संदिग्ध वर्तमान होता है।
जैसे :–
- अब बच्चा रोता होगा।
- श्याम इस समय पत्र लिखता होगा।
E. सम्भाव्य वर्तमानकाल :- इससे वर्तमानकाल में काम के पूरा होने की सम्भवना रहती है। उसे सम्भाव्य वर्तमानकाल कहते हैं।
संभाव्य का अर्थ होता है संभावित या जिसके होने की संभावना हो।
जैसे :-
- वह लौटा हो।
- वह चलता हो।
- उसने खाया हो।
F. हेतुहेतुमद वर्तमानकाल :– यदि वर्तमान में एक क्रिया के होने या न होने पर दूसरी क्रिया का होना या न होना निर्भर करता है, तो वह हेतुहेतुमद वर्तमानकाल क्रिया कहलाती है।
जैसे :-
- यदि वह आ जाये तो इसे घर जाने दो.
- समय पूरा हो गया हो तो कॉपी जमा कर दो.
3. भविष्यत काल :- क्रिया के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि कार्य भविष्य में होगा वह भविष्यत काल कहलाता है।
जैसे :–
- श्याम पत्र लिखेगा।
- शायद आज संध्या को वह आए।
इन दोनों में भविष्यत काल की क्रियाएँ हैं, क्योंकि ‘लिखेगा’ और ‘आए’ क्रियाएँ भविष्यत काल का बोध कराती हैं।
- A. सामान्य भविष्यत काल
- B. संभाव्य भविष्यत काल
- C. हेतुहेतुमद भविष्यत काल
A. सामान्य भविष्यत :- क्रिया के जिस रूप से कार्य के भविष्य में होने का बोध हो उसे सामान्य भविष्यत कहते हैं।
जैसे :–
- श्याम पत्र लिखेगा।
- हम घूमने जाएँगे।
जैसे :-
- शायद आज वह आए।
- संभव है श्याम पत्र लिखे।
- कदाचित संध्या तक पानी बरसे।
जैसे :-
- जो कमाए सो खाए।
- वह पढ़ेगा तो सफल होगा।