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विलोम-शब्द

विपरीत अर्थ प्रकट करने वाले शब्दों को विलोम शब्द कहते है.




विलोम - शब्द

जो शब्द परस्पर विपरीत या विरोधी अर्थ प्रकट करते है, उन्हें विलोम शब्द या विपरीतार्थक अथवा प्रतिलोम शब्द कहते हैं।

विलोम शब्दों के लिए निम्नलिखित बाते ध्यान में रखनी चाहिए –

1. शब्द जिस स्तर का हो, उसका विलोम भी उसी स्तर का होना अति आवश्यक है।

यदि शब्द तत्सम है तो विलोम भी तत्सम होगा, जैसे – हस्ति - हस्तिनी।

यदि शब्द तद्भव है तो विलोम भी तद्भव होगा, जैसे – हाथी - हथिनी।

2. संज्ञा का विपरीतार्थी शब्द संज्ञा तथा विशेषण के लिए विशेषण शब्द ही विलोम होगा।

जैसे – अधिक - न्यून।

अधिक का विलोम ‘कम’ नही होगा क्योँकि ‘कम’ शब्द उर्दू का है। कम का विलोम ज्यादा होगा।

कुछ महत्वपूर्ण विलोम शब्द :-

शब्द
विलोम
शब्द
विलोम
अंतर्मुखी
बहिर्मुखी
अर्वाचीन
प्राचीन
अंतरंग
बहिरंग
अकाल
सुकाल
अति
अल्प
अनन्त
अन्त, सान्त
अभिज्ञ
अनभिज्ञ,अज्ञ
अथ (प्रारम्भ)
इति (समाप्ति)
अभिव्यक्त
अनभिव्यक्त
अवयव
निरवयव
अभिसरण
अपसरण
अस्तेय
स्तेय
अमृत
विष
अवर
प्रवर
अधिकृत
अनधिकृत
अन्धकार
प्रकाश
अवतल
उत्तल
अतिथि
आतिथेय
अनुलोम
प्रतिलोम,विलोम
अर्जन
व्ययन
अतिवृष्टि
अनावृष्टि
अधोगति
ऊर्ध्वगति
अमर
मर्त्य
अनुग्रह
विग्रह
अघोष
सघोष
अभियुक्त
अभियोगी
अत्यधिक
स्वल्प
अनुराग
विराग,द्वेष
अनुकूल
प्रतिकूल
अनुरक्त
विरक्त
अनुरूप
प्रतिरूप
अधम
उत्तम
अनाहूत
आहूत
अपेक्षा
उपेक्षा
अल्पज्ञ
बहुज्ञ,सर्वज्ञ
अल्पायु
चिरायु,दीर्घायु
अनिवार्य
ऐच्छिक,वैकल्पिक
अधुनातन
पुरातन
अनाथ
सनाथ
अर्पण
ग्रहण
आदि,आरंभ
अंत
आविर्भाव
तिरोभाव
अत्यंत
अनत्यंत
अवनी
अम्बर
आरोह
अवरोह
आगमन
निर्गमन,प्रस्थान
आस्तिक
नास्तिक
अथाह
छिछला
अधिमूल्यन
अवमूल्यन
अज्ञ
विज्ञ
असीम
ससीम
अवनि
अम्बर
अग्रज
अनुज
अकर्मक
सकर्मक
अनुनासिक
निरानुनासिक
अमित
परिमित
अशन
अनशन
अवलम्ब
निरालम्ब
आग्रह
दुराग्रह
आधुनिक
प्राचीन
आत्मावलम्बी
परावलम्बी
आगामी,आगत
विगत
आज्ञा
अवज्ञा
आर्द्र
शुष्क,अनार्द्र
आर्ष
अनार्ष
आवर्षण
अनावर्षण
आकलन
विकलन
आधार
आधेय
आपूरित
रिक्त
आकृष्ट
विकृष्ट
आम
खास
अनायास
सायास
आवर्तक
अनावर्तक
आलस्य
उद्यम
आकाश
पाताल
आचार
अनाचार
आत्मनिर्भर
परजीवी
आद्य
अंत्य
आध्यात्मिक
सांसारिक,भौतिक
आह्लाद
विषाद
आभ्यंतर
बाह्य
आकुंचन
प्रसारण
आह्वान
विसर्जन
आलोचना
प्रशंसा
आकर्षण
विकर्षण,प्रतिकर्षण
आमिष,सामिष
निरामिष
आसक्त
अनासक्त
आशीर्वाद
अभिशाप
आवृत्त
अनावृत्त
आस्था
अनास्था
आदान
प्रदान
आरोह
अवरोह
आयात
निर्यात
आय
व्यय
आश्रित
अनाश्रित
आहूत
अनाहूत
आपूरित
रिक्त
आतप
तन्वगी
आदर
निरादर
अकम्पित
निष्कम्प
इहलोक
परलोक
इष्ट
अनिष्ट
ईप्सित
अनीप्सित
ईहा
अनीहा
इच्छा
अनिच्छा
ईश्वर
अनीश्वर
उत्तमर्ण
अधमर्ण
उपादेय
अनुपादेय
उत्थान
पतन
उद्धत
विनीत,सौम्य
उत्कृष्ट
निकृष्ट
उपकार
अपकार
उत्कर्ष
अपकर्ष
उन्मीलन(खिलना)
निमीलन
उन्नति
अवनति
उन्मूलन
स्थापन,रोपण
उद्घाटन
समापन
उन्मुख
विमुख
उपमेय
उपमान, अनुपमेय
उर्वर
ऊसर,अनुर्वर
उत्पति
विनाश
उत्तरायण
दक्षिणायण
उदयाचल
अस्ताचल
उत्तरार्द्ध
पूर्वाद्ध
उपचार
अपचार
उषा
संध्या
उष्ण
शीतल
उत्तरार्द्ध
पूर्वार्द्ध
उच्छ्वास
निःश्वास
उज्ज्वल
धूमिल
उक्त
अनुक्त
उग्र
सौम्य
उत्तीर्ण
अनुत्तीर्ण
उपार्जित
अनुपार्जित
उदय
अस्त
उत्तरीय
अधोवस्त्र
उल्लास
विषाद
उपसर्ग
प्रत्यय
उदात्त
अनुदात्त
उदार
अनुदार
उदार
अनुदार
उद्भव
अवसान
उर्ध्व
अधर
उपजाऊ
अनुपजाऊ
उधार
नकद
उत्पादक
अनुत्पादक
उपत्यका
(पहाड़ के नीचे
की समतल भूमि)
अधित्यका
(पहाड़ के ऊपर
की समतल भूमि)
उद्यम
आलस्य
ऋत
अनृत
ऋण
उऋण
श्री गणेश
इति श्री
ऋणात्मक
धनात्मक
ऋणी
धनी
ऋजु
वक्र
एकाग्र
चंचल
एषणा
अनैषणा
एक
अनेक
एडी
चोटी
एकान्त
अनेकान्त
एकाकी
समग्र
एकता
अनेकता
एकाधिकार
सर्वाधिकार
एकार्थक
अनेकार्थक
ऐक्य
अनेक्य
ऐहिक
पारलौकिक
ऐश्वर्य
अनैश्वर्य
ऐच्छिक
अनैच्छिक
एकत्र
विकीर्ण
ओजस्वी
निस्तेज
औचित्य
अनौचित्य
औदार्य
अनौदार्य
औपचारिक
अनौपचारिक
कृतज्ञ
कृतघ्न
करुण
क्रूर
कनिष्ठ
वरिष्ठ,ज्येष्ठ
क्रय
विक्रय
कदाचार
सदाचार
कपूत
सपूत
कपटी
निष्कपट
कर्कश
मधुर
कलंकित
निष्कलंक
कल्पित
यथार्थ
कुलदीप
कुलांगार
कोलाहल
नीरवता
कटुभाषी
मृदुभाषी
कर्मण्य
अकर्मण्य
कथित
अकथित
कौटिल्य
आर्जव
कुमार्ग
सुमार्ग
कुमति
सुमति
कृत्रिम
नैसर्गिक,प्राकृतिक
कृष्ण
शुक्ल
कुलटा
पतिव्रता
कृपा
कोप,अकृपा
कृश
पुष्ट,स्थूल
कीर्ति
अपकीर्ति
कुख्यात
विख्यात
कृपण
उदार
कृतज्ञ
कृतघ्न
कुटिल
सरल
कोमल
कठोर
कुसुम
वज्र
कलुष
निष्कलुष
कथ्य
अकथ्य
क्षुण्ण
अक्षुण्ण
क्षुद्र
विराट
काल्पनिक
वास्तविक,कल्पनातीत
खेचर
भूचर
खंडन
मंडन
खीझना
रीझना
क्षर
अक्षर
क्षणिक
शाश्वत,चिरंतन
गत
आगत,प्रत्यागत
गति
विराम
गंभीर
वाचाल,चंचल, चपल
गरल
सुधा
गरिमा
लघिमा
गृहस्थ
संन्यासी
ग्राम
नगर
गहरा
उथला
ग्रस्त
मुक्त
गमन
आगमन
गाँव
शहर
ग्राह्य
अग्राह्य,त्याज्य
गुप्त
प्रकट
गुरु
लघु,शिष्य
गोचर
अगोचर
गौरव
लाघव
गौण
मुख्य
गुण
अवगुण,दोष
गोप्य
प्रकाश्य
गहन
पुलिन
घात
प्रतिघात
घृणा
स्नेह
चंचल
स्थिर
चपल
गंभीर
चर
अचर
चिर
स्थिर
चारू
अचारु
छल
निश्छल
चेतन
अचेतन,जड़
चेतना
मूर्च्छा
चिरंतन
शाश्वत
जटिल
सरल
जंगम
स्थावर
जागरण
सषुप्ति,निद्रा
जितेन्द्रिय
इन्द्रियाशक्त
जल
थल
ज्योति
तम
जीर्ण
अजीर्ण
ज्येष्ठ
लघु,कनिष्ठ
जंगली
घरेलू
जागृत
सुषुप्त
ज्वलन
शमन
ज्ञेय
अज्ञेय
झोँपड़ी
महल
तटस्थ
पक्षपाती
तरुण
वृद्ध
तप्त
शीतल
त्यक्त
गृहीत
तामसिक
सात्विक
त्याज्य
ग्राह्य
तिमिर
प्रकाश,अलोक
तृष्णा
वितृष्णा
तीक्षण
मंद
तिक्त
मधुर
त्याग
भोग
तृषा
तृप्ति
तम
ज्योत्स्ना,आलोक
डर
साहस
थाह
अथाह
थोक
खुदरा
दिवा
रात्रि
दिन
रात
दक्षिण
वाम
द्युति
अन्धकार
दीर्घकाय
लघुकाय
दुष्कर
सुकर
द्रुत
मंथर
द्वेष
सद्भावना
दिवस
विभावरी
धनी
निर्धन
द्वन्द्व
निर्द्वन्द्व
ध्वंस
निर्माण
ध्वल
श्याम
धृष्ट
विनम्र
नश्वर
शाश्वत
नवीन
प्राचीन
नत
उन्नत
नराधम
नरपुंगव
निर्भीक
भीरु
निषिद्ध
विहित
निर्बल
सबल
निर्मल
मलिन
निर्गुण
सगुण
निँद्य
वंद्य
निर्दय
सदय
न्यून
अधिक
निन्दा
स्तुति
नूतन
पुरातन
नेकी
बदी
निष्काम
सकाम
नैसर्गिक
कृत्रिम
निरत
विरत
निरक्षर
साक्षर
परमार्थ
स्वार्थ
प्रशंसा
निन्दा
प्रवृत्ति
निवृत्ति
प्रत्यक्ष
परोक्ष,अप्रत्यक्ष
परितोष
दंड
पाश्चात्य
पौर्वात्य,पौरस्त्य
प्रसारण
संकुचन
पुरस्कार
तिरस्कार
परिश्रम
विश्राम
पोषक
शोषक
प्रकाशन
गोपन
पल्लवन
संक्षेपण
प्रलय
सृष्टि
प्रगति
अवनति
प्रतीची
प्राची
प्रफुल्ल
म्लान
प्रसाद
विषाद
पुष्ट
क्षीण
पूर्णिमा
अमावस्या
पूर्ववर्ती
परवर्ती
प्रेम
घृणा
प्रोत्साहित
हतोत्साहित
परिश्रम
विश्राम
ब्रम्ह
जीव
बहुमत
अल्पमत
बद्ध
मुक्त
बंधन
मुक्ति,मोक्ष
बंजर
उर्वर
बसंत
पतझड़
बर्बर
सभ्य
बाढ़
सूखा
भोगी
योगी
भ्रान्त
निभ्रान्त
भौतिक
आध्यात्मिक
ममत्व
परत्व
भूगोल
खगोल
भूषण
दूषण
मृदुल
रुक्ष
मितव्यय
अपव्यय
मनसा
कर्मणा
मित्र
शत्रु
मूढ़
ज्ञानी
मूक
वाचाल
मधुर
कटु
महात्मा
दुरात्मा
मानवता
नृशंसता
महान
क्षुद्र
मेहमान
मेज़बान
मौन
मुखर, वाचाल
मौखिक
लिखिक
मानव
दानव
युगल
एकल
योग
वियोग
यौवन
वार्धक्य,जरा
रत
विरत
राजा
रंक
रुग्ण
स्वस्थ
रक्षक
भक्षक
रद्द
बहाल
रचनात्मक
ध्वंसात्मक
रति
विरति
राग
द्वेष, विराग
रुग्ण
स्वस्थ
लुप्त
व्यक्त
वक्र
सरल,ऋजु
लब्ध
प्रदत्त
लौकिक
पारलौकिक,अलौकिक
व्यक्ति
समाज
व्यष्टि
समष्टि
व्यभिचारी
सदाचारी
वरदान
अभिशाप
वक्ता
श्रोता
वन्य
पालतू
वादी
प्रतिवादी
विभव
पराभव
विधवा
सधवा
विश्लेषण
संश्लेषण
विपदा
सम्पदा
विधि
निषेध
विपत्ति
संपत्ति
विकास
ह्रास
विस्तार
संक्षेप
विनीत
उद्धत
विस्तृत
संक्षिप्त
वरिष्ठ
कनिष्ठ
विपति
सम्पत्ति
विशेष,विशिष्ट
साधारण
विराट
क्षुद्र
विस्तृत
संक्षिप्त
वीर
कायर
विधि
निषेध
विकल
अविकल
विरह
मिलन
विकल्प
संकल्प
वियोग
संयोग
विदाई
स्वागत
विपुल
अल्प
विलास
तपस्या
वैमनस्य
सौमनस्य,मैत्री
वेदना
आनन्द
शकुन
अपशकुन
वैतनिक
अवैतनिक
श्लील
अश्लील
शयन
जागरण
शहरी
देहाती
श्लाघा
निंदा
शासक
शासित
शायद
अवश्य
श्वेत
श्याम
शालीन
धृष्ट
शीत
उष्ण
श्रीगणेश
इतिश्री
शीर्ष
तल
शृंखलित
विशृंखलित
सुषुप्ति
जागृति
सूम
उदार
सन्धि
विग्रह
समास
व्यास
सम्भोग
विप्रलम्भ
स्थूल
सूक्ष्म
सक्षम
अक्षम
सृष्टि
प्रलय
सगुण
निर्गुण
सत्याग्रह
दुराग्रह
संघठन
विघटन
समावेशन
अनावेशन
संस्कृति
विकृति
सजल
निर्जल
संकीर्ण
विस्तृत,विस्तीर्ण
संन्यासी
गृहस्थ
संयुक्त
वियुक्त
सामान्य
विशिष्ट
स्वजाति
विजाती
सहयोगी
प्रतियोगी,विरोधी
सदैव
विरल
स्वाधीन
पराधीन
सुलभ
दुर्लभ
सहोदर
अन्योदर्य
सम्पन्नता
निर्धनता
सापेक्ष
निरपेक्ष
साधू
असाधु
संध्या
प्रातः
सदाशय
दुराशय
सत्कार
तिरस्कार
सहज
कठिन
स्पृश्य
अस्पृश्य
संयोग
वियोग
समूल
निर्मूल
सम
विषम
संपन्न
विपन्न
संगठन
विघटन
सचेष्ट
निश्चेष्ट
सघन
विरल
साधर्म्य
वैधर्म्य
स्मरण
विस्मरण
साहचर्य
पृथक्करण,अलगाव
संसार
निस्सार
सृजन
संहार
हर्ष
विषाद
हास
विहास
हेय
ग्राह्य
ह्रास
वृद्धि
हृस्व
दीर्घ













          

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